Madhya Pradesh: परिवहन विभाग का बड़ा फैसला, राजस्व बढ़ाने के लिए निजी वाहनों पर लगेंगे विज्ञापन - Punjab Kesari
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Madhya Pradesh: परिवहन विभाग का बड़ा फैसला, राजस्व बढ़ाने के लिए निजी वाहनों पर लगेंगे विज्ञापन

मध्य प्रदेश में यात्री सुविधाओं के विस्तार एवं मालवाहक वाहनों को राहत देने के लिये परिवहन विभाग ने

मध्य प्रदेश में यात्री सुविधाओं के विस्तार एवं मालवाहक वाहनों को राहत देने के लिये परिवहन विभाग ने मोटरयान कर की दर में छूट देने का निर्णय लिया है। वहीं राजस्व बढ़ाने के लिए निजी वाहनों पर विज्ञापन लगाने की योजना है, साथ ही महिला सुरक्षा के लिए पैनिक बटन लगाए जाएंगे। परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में कई निर्णय हुए। महिला यात्री बस, कैब, टैक्सी एवं आटो रिक्शा इत्यादि में पैनिक बटन लगेंगे, ताकि सफर के दौरान किसी भी प्रकार का खतरा महसूस होने पर पैनिक बटन दबाकर परिवहन विभाग द्वारा बनाये गए कंट्रोल एवं कमाण्ड सेंटर में संदेश पहुंचा सकेंगी।
 इस संदेश पर माता एवं बहनों को तत्काल डायल 100 की सहायता प्राप्त हो जाएगी। परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने बताया कि यात्री वाहनों में पैनिक बटन एवं व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के लिये 18 कंपनियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदनों के परीक्षण के बाद चार कंपनियों के आवेदन सही पाए गए हैं। जल्द ही यात्री वाहनों में पैनिक बटन एवं व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। प्रारंभिक चरण में इन कम्पनियों से पैनिक बटन एवं व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
वसूली के लिए बनाई गई है कई योजना 
वही, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि मोटरयान अधिनियम के प्रावधान के तहत निजी यात्री वाहनों पर विज्ञापन लगाए जाने की योजना है। इन वाहनों पर विज्ञापन शुल्क अधिरोपित करने से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 150 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के बस ऑपरेटर और मॉलवाहक वाहनों के मालिक प्रदेश में मोटरयान कर की दर अधिक होने से अन्य राज्यों में अपने वाहनों का पंजीयन करा लेते हैं। इससे प्रदेश को राजस्व की हानि हो रही है। इसे रोकने के लिए परिवहन विभाग ने मोटरयान कर में छूट देने का निर्णय लिया है। 
इसी प्रकार प्रदेश में यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए मप्र में नेशनल परमिट पर संचालित बसों का मासिक कर प्रति सीट प्रति माह ज्यादा होने से अन्य राज्यों में बसें पंजीयन के लिए चली जाती हैं। इसे कम करने के लिए अब नेशनल परमिट की बसों में मासिक कर प्रति सीट 700 रुपए के स्थान पर 200 रुपए प्रति सीट करने का निर्णय लिया जा रहा है। बताया गया है कि वाहनों पर बकाया राशि की वसूली हेतु सरल समाधान योजना बनाई गई है, जिसमें पांच से 10 साल पुराने वाहनों पर 40 फीसदी, 10 से 15 साल पुराने वाहनों पर 50 तथा 15 साल पुराने वाहनों पर 70 फीसदी और 20 साल पुराने वाहनों पर 90 फीसदी छूट दिए जाने का प्रस्ताव है। 

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