कानूनी शिक्षा के पुरोधा माधव मेनन का निधन - Punjab Kesari
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कानूनी शिक्षा के पुरोधा माधव मेनन का निधन

पंचवर्षीय एकीकृत एल.एल.बी प्रोग्राम की शुरुआत कराई। सेवानिवृत्ति के बाद वह राजधानी में बस गए थे। उनके परिवार

आधुनिक कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी शख्सियत माने जाने वाले एन. आर. माधव मेनन का बुधवार की सुबह देहांत हो गया। उनके परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, 84 वर्षीय मेनन ने एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली। मेनन अस्वस्थ थे। कुछ दिन पहले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) और नेशनस ज्यूडीशियल एकेडमी, भोपाल के संस्थापक निदेशक थे।

इसके अलावा वह वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिडिकल साइंसेज (एनयूजेएस) के संस्थापक कुलपति भी थे। अपने कानूनी करियर की शुरुआत उन्होंने साल 1956 में केरल उच्च न्यायालय में वकील के तौर पर की थी। इसके बाद वह दिल्ली आ गए। साल 1960 में वह शिक्षक के तौर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़े।

वर्ष 1965 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़ने के बाद उन्हें प्रोफेसर एवं लॉ सेंटर कैंपस का प्रमुख बनाया गया। इसके बाद साल 1986 में बार कांउसिल ऑफ इंडिया के आमंत्रण पर बेंगलुरु चले गए, जहां उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की नींव रखी और कानूनी शिक्षा के नए मॉडल के तौर पर पंचवर्षीय एकीकृत एल.एल.बी प्रोग्राम की शुरुआत कराई। सेवानिवृत्ति के बाद वह राजधानी में बस गए थे। उनके परिवार में पत्नी और बेटा हैं।

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