केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व मुख्य सचिव एम शिवशंकर को मेडिकल के आधार पर दो महीने की अंतिरम जमानत दी।सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर को मेडिकल ग्राउंड पर दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी। यह आदेश जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने पारित किया। मामला राज्य सरकार की लाइफ मिशन परियोजना से जुड़ा है , जिसका उद्देश्य साल 2018 की बाढ़ में अपना घर गवा चुके गरीबो को घर मुहैया करना है ।
शिवशंकर का केरल की सत्तारूढ़ पार्टी में बहुत प्रभाव
आवास परियोजना त्रिशूर जिले के वड्डक्कनचेरी में प्रस्तावित थी। इस परियोजना का लक्ष्य यूएई वाणिज्य दूतावास के माध्यम से रेड क्रिसेंट द्वारा दिए गए 18.50 करोड़ रुपये में से 14.50 करोड़ रुपये खर्च करके वडक्कनचेरी में 140 परिवारों के लिए आवास बनाना था। इस साल अप्रैल में, केरल उच्च न्यायालय ने भी लाइफ मिशन घोटाला मामले में शिवशंकर की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि “शिवशंकर का केरल की सत्तारूढ़ पार्टी में बहुत प्रभाव है।
जमानत याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित
वह विशेष रूप से मुख्यमंत्री के करीबी हैं। इसी मामले में शिवशंकर की जमानत याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उच्च न्यायालय के समक्ष जमानत याचिका में, शिवशंकर ने कहा, “गिरफ्तारी एक राजनीतिक स्टंट है। याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है। पूरा मामला याचिकाकर्ता के साथ पेशेवर गोपनीयता का उपयोग करके प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक राजनीतिक हिट जॉब है।