कुकी विधायकों ने सोमवार से शुरू हो रहे मणिपुर विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। कुकी समुदाय के खिलाफ हमलों के विरोध में यह घोषणा की गई है। वहीं इसपर भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने कहा कि भाजपा के सात विधायक और तीन अन्य विधायक विधानसभा सत्र में भाग नहीं लेंगे। इन विधायकों में हाओखोलेट किपगेन (निर्दलीय) किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग (केपीए), चिनलुंगथांग (केपीए), और भाजपा के सात विधायक एलएम. खौटे, नेमचा किपगेन, नगुर्सांगलुर सनाटे, लेटपाओ हाओकिप, लेटजमंग हाओकिप, पाओलीनलाल हाओकिप और वुंगजागिन वाल्टे शामिल हैं।
नेमचा किपगेन बीरेन सिंह सरकार में मंत्री हैं
बता दें कि लेटजमंग हाओकिप और नेमचा किपगेन बीरेन सिंह सरकार में मंत्री हैं। इन विधायकों के बहिष्कार की घोषणा के बाद अब नगा विधायकों पर नजरें रहेंगी। आठ नगा विधायकों सहित मणिपुर के 40 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कुकी उग्रवादी समूहों के साथ सस्पेंशन ऑफ आपरेशंस (एसओओ) समझौते को वापस लेने और राज्य में एनआरसी लागू करने की मांग की थी।
सेना और असम राइफल्स के प्रति आभार व्यक्त किया
इस बीच, बीरेन सिंह ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर 212 मैतेयी लोगों की वापसी के लिए सेना और असम राइफल्स के प्रति आभार व्यक्त किया। इन लोगों ने हिंसा के दौरान म्यांमार में शरण ली थी। उखरूल जिले में कुकी आदिवासियों के तीन ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों (वीडीवी) की शुक्रवार को हुई हत्या के विरोध में हजारों आदिवासी महिलाओं ने शनिवार को मणिपुर के विभिन्न जिलों, विशेष रूप से कांगपोकपी जिले में प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (इंफाल-दीमापुर) पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही।
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात
सुत्रो के मुताबिक महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में माकपा के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। उन्होंने विभिन्न राहत शिविरों में शरण लिए हुए विस्थापितों की स्थिति पर चर्चा की। येचुरी ने कहा कि केवल राजनीतिक समाधान ही मौजूदा संकट में शांति ला सकता है। उइके ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि राजनीतिक दलों को पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर मौजूदा संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान लाने में सरकार के साथ सहयोग करने की जरूरत है