कोलकाता में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है जिसकों लेकर राज्य की सरकार हाई अलर्ट मोड पर आ गई हैं। क्योंकि कोरोना के मामलें बच्चों में ज्यादा देखे जा रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि जो बच्चे 12 उम्र तक है उनमें सबसे ज्यादा कोरोना का असर देखने को मिल रहा हैं।
कोरोना को लेकर सख्त हुआ प्रशासन
कोरोना से संक्रमित हुए बच्चों को खांसी और जुकाम के साथ बहुत तेज बुखार हुआ है, वहीं कुछ में दस्त और सांस लेने में हल्की तकलीफ देखी जा रही है. वहीं विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि स्कूलों में फिर से फिजिकल क्लासेज शुरू होने के साथ, संक्रमण तेजी से हो सकता है. हालांकि कई स्कूलों ने पिछले हफ्ते नोटिस जारी कर अभिभावकों से कहा था कि अगर उन्हें उनके बच्चों में बुखार या खांसी जैसे लक्षण दिखें तो वे उन्हें अस्पताल न भेजें.
टीकाकरण नहीं होने की वजह से हुए कोरोना संक्रमित
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक टीओआई की रिपोर्ट में बाल रोग विशेषज्ञ शांतनु रे ने कहा कि,”मेरे एक चौथाई रोगियों में अब कोविड है, लेकिन अधिकांश में हल्के से मध्यम संक्रमण है जो घर पर ही मैनेजबल हैं. तेज बुखार, और खांसी और सर्दी अब तक के सबसे आम लक्षण रहे हैं. कुछ, विशेष रूप से जिन्हें अस्थमा है उन्हें ही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी है लेकिन संक्रमण हल्का रहा है. चूंकि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बिना टीकाकरण के रहते हैं, इसलिए उन्हें प्रोटेक्ट करने की जरूरत पड़ती है.” उन्होंने माता-पिता को सलाह दी है कि यदि बुखार या अन्य लक्षण दो-तीन दिनों से अधिक समय तक बने रहते हैं तो बच्चों का कोविड-19 टेस्ट जरूर कराएं ।
जानें- क्यों हो रहे बच्चे कोरोना संक्रमित
मिली जानकारी के मुताबिक कोलकाता में अधिकतर बच्चे कोरोना की चपेट में इसलिए आ रहे हैं क्योंकि इन बच्चों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ हैं। हालांकि, इस गंभीर विष्य पर डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों में पाए जाने वाले इस संक्रमण के लक्षण अलग-अलग दिखाई दे रहे हैं।