गुजरात विधानसभा चुनावके लिए वीरगाम सीट भी राज्य की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है क्योंकि इस सीट से कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि शुरुआती रुझानों में वीरमगाम से युवा बीजेपी नेता हार्दिक पटेल पीछे चल रहे हैं। जबकि राज्य में बीजेपी को 110 सीटों पर बढ़त मिल रही है। वहीं, कांग्रेस 24 सीटों पर आगे चल रही है।
इस सीट पर साल 2017 में कांग्रेस के लाखा भाई भीखाभाई ने बीजेपी के डॉ तेजश्रीबेन दिलिप कुमार पटेल को 6548 वोटों से हराया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कुल 63.95 मतदाताओं ने मतदान दिया है।
साल 2015 में रिजर्वेशन के लिए पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व करते हुए हार्दिक पटेल प्रमुखता से उभरे थे। उन्होंने आंदोलन के हिस्से के रूप में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) का नेतृत्व किया और गुजरात में एक सामुदायिक सामाजिक समूह सरदार पटेल समूह (SPG) के सदस्य भी रहे थे। लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले 2019 में ही पाटीदार नेता कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्हें जुलाई 2020 में गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
वीरमगाम सीट पर किस का दबदबा?
2022 और 2007 के विधानसभा चुनाव में ये सीट बीजेपी ने जीती थी। इसके बाद कांग्रेस ने 2012 और 2017 में कांग्रेस पलटवार किया। लगातार दो विधानसभा चुनावों से इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है और वीरमगाम सीट कांग्रेस जीत रही है। इसलिए कहा जा सकता है कि हार्दिक पटेल के लिए ये सीट चुनौतियों से भरी होगी।
वीरमगाम सीट पर कितने मतदाता?
वीरमगाम सीट पर मतदाताओं की संख्या की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 98 हजार से अधिक है। वीरमगाम में पुरुष वोटरों की संख्या एक लाख 54 हजार से अधिक है और महिला मतदाओं की संख्या एक लाख 44 हजार से अधिक है। वहीं, यहां से दलित मतदाताओं की संख्या 11 फीसदी है। वीरमगाम सीट पर पाटीदार और ठाकोर मतदाता अच्छी संख्या में मौजूद हैं इसलिए इस सीट से बीजेपी के हार्दिक पटेल को जीत की उम्मीद है। अब हार्दिक पटेल को पाटीदार और दलित वोटरों का कितना साथ मिलेगा ये तो आठ दिसंबर को ही पता चलेगा। वहीं, इस सीट से कांग्रेस भी जीत की हैट्रिक लगाने की पूरी तैयारी में है।