केरल के पलक्कड़ में दो पदों के बीच 2 दिन से फंसे युवक को भारतीय सेना के तीनों दलों के जॉइंट ऑपरेशन में सुरक्षित बचा लिया गया। केरल के बचाव दल 40 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी पर्वतारोही को सुरक्षित निकालने में नाकाम रहे तो उन्होंने सेना और वायु सेना की मदद मांगी। तीनों सेना ने ‘ऑपरेशन बाबू रक्षम’ में युवक को जिन्दा बचा लिया।
संयोग से किसी एक व्यक्ति को बचाने के लिए यह राज्य में सबसे बड़ा ऑपरेशन है। सेना की इस उपलब्धि पर केंद्रीय राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन ने बधाई दी। केंद्रीय राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन ने भारतीय सेना को बधाई देते हुए कहा कि “मैं पलक्कड़ में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए भारतीय सेना को बधाई देता हूं, एनडीआरएफ टीम ने उनका सहयोग किया और वो भी बधाई की हकदार है। उन्होंने क़रीब-क़रीब एक नामुमकिन काम को बहुत कम समय में पूरा किया”।
केरल के एक अधिकारी सहित सेना के अधिकारियों की एक टीम ने बाबू के रूप में पहचाने गए पर्वतारोही को बचाया और उसे भोजन और पानी उपलब्ध कराया।केरल के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हेमंत हैं, जिन्होंने यहां राज्य की राजधानी शहर में आर्थिक रूप से कमजोर सैनिक स्कूल में पढ़ाई की थी।
तमिलनाडु के वेलिंगटन से सेना की टीम बीती देर रात पहुंची और बुधवार की सुबह एक घंटे के अंदर एक अधिकारी ने 400 मीटर नीचे जाकर बाबू को बचाया। आदमी को अब एयरलिफ्ट किए जाने से पहले एक पहाड़ी पर ले जाया जा रहा है। वहां से लाए जाने के बाद उसे सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
23 वर्षीय बाबू अपने तीन दोस्तों के साथ पहाड़ी पर चढ़ गए थे और नीचे आते समय वह फिसलकर सोमवार दोपहर को दो पहाड़ों के बीच में फंस गए। उसे बचाने में विफल रहने के बाद, उसके दोस्त नीचे उतरे और स्थानीय लोगों को सतर्क किया और जल्द ही बचाव दल आया, लेकिन वे भी उसे बचाने में असफल रहे। मंगलवार को भारतीय तटरक्षक बल के चेतक हेलीकॉप्टर ने बचाव अभियान का प्रयास किया, लेकिन खराब मौसम के कारण मिशन पूरा नहीं हो सका।