प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में किसी तरह के वित्तीय पैकेज की घोषणा न होने से कई विपक्षी दल अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके है। इसी बीच केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि राज्यों को प्रशंसा नहीं बल्कि सहायता चाहिए जिससे वे मुश्किल स्थिति पर काबू पा सकें।
उन्होंने कहा कि बैंक मौजूदा संकट के समय राज्यों से भारी ब्याज वसूल कर रहे हैं और राज्यों को केंद्र से वित्तीय सहायता की उम्मीद थी, न कि सिर्फ प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए राज्यों की प्रशंसा की थी।
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इसाक ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राज्यों को केवल प्रशंसा की नहीं बल्कि वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। जब हम ऋण के लिए बैंकों से संपर्क करते हैं, तो ब्याज दर नौ प्रतिशत होती है।’’ उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों ने उधारी 500- 1000 करोड़ रुपये तक सीमित रखी है और वेतन में कटौती या अन्य विकास गतिविधियों को रोकना शुरू कर दिया है।
थॉमस इसाक ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने से बीमारी के प्रसार पर नियंत्रण लग सकेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से गहन परीक्षण कराए जाने का अनुरोध किया।