केरल विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर ‘केरल’ से बदलकर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया है। विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने वाले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, “हमारी मलयालम भाषा में यह ‘केरलम’ है जबकि अन्य भाषाओं में इसे केरल कहा जाता है।”
उल्लिखित सभी भाषाओं में भी बदला जाए नाम
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि वह संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे ‘केरलम’ के रूप में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाए और संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर ‘केरलम’ कर दिया जाए।”
1 नवंबर 2023 से ‘केरालियाम’ मनाएगा!
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, वैश्विक स्तर पर राज्य की उपलब्धियों का समर्थन करने के लिए केरल राज्य भी 1 नवंबर 2023 से ‘केरालियाम’ मनाएगा। बता दें, इससे एक दिन पहले केरल विधानसभा ने मंगलवार को देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की केंद्र सरकार की “एकतरफा और जल्दबाजी” योजना के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।
केंद्र सरकार के कदम पर चिंता और निराशा!
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि, केरल विधानसभा समान नागरिक संहिता लागू करने के केंद्र सरकार के कदम पर चिंता और निराशा व्यक्त करती है। “जब तक विभिन्न धार्मिक समूहों के साथ चर्चा के माध्यम से हमारे लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर आम सहमति नहीं बन जाती है, तब तक कठोर कदम उठाने से बचना चाहिए।