तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने में तीन दिन बचे हैं और सत्ता के मुख्य दावेदार एक-दूसरे पर लगभग बेलगाम हमले में जुट गए हैं। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरआस) के प्रचार का नेतृत्व कर रहे पार्टी अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘झूठा’ और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘जोकर’ करार दिया। कांग्रेस नीत पीपुल्स फ्रंट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने पलटवार करते हुए उसी भाषा में जवाब दिया और केसीआर और उनके परविार के सदस्यों को ‘चोर’ और नवनिर्मित राज्य के ‘लुटेरे’ करार दिया।
केसीआर को तेलुगू में प्रचलित तीखे शब्दों का प्रयोग कर उसे तेलंगाना के विशिष्ट उच्चारण के साथ अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने के लिए जाना जाता है। अपनी वाक्पटुता के लिए मशहूर केसीआर अक्सर खुद को कड़वे मौखिक हमले कर विवादों में डाल देते हैं। मुस्लिमों के लिए आरक्षण में वृद्धि कर 12 फीसदी करने की इजाजत नहीं देने पर केसीआर ने पिछले सप्ताह एक चुनावी रैली में मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘क्या यह देश आपके पिता की जागीर है।’ एक अन्य रैली में उन्होंने कहा था कि मोदी को ‘हिंदू-मुस्लिम बीमारी’ कहा है। इसके बाद मोदी ने टीआरएस प्रमुख को उनके विश्वासों को लेकर उन पर हमला बोला था।
प्रधानमंत्री ने ‘ज्योतिषियों, पूजा पाठ और नींबू मिर्ची पर विश्वास करने के लिए’ केसीआर का मजाक उड़ाया था। वहीं, केसीआर ने मोदी को उस वक्त झूठा करार दिया था जब टीआरएस नेता के निजामाबाद शहर को लंदन बनाने के वादे पर उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी। मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने केसीआर पर उनके परिवार के शासन को लेकर निशाना साधा। उन सभी का एक समान कहना है कि टीआरएस शासन से केवल केसीआर, उनके बेटे, बेटी और दोनों भतीजों को ही फायदा हुआ है।
कांग्रेस नेता और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक कदम आगे बढ़ते हुए केसीआर और उनके परिवार को ‘अली बाबा और 40 चोर’ करार दिया था। राहुल गांधी ने केसीआर को ‘खाओ कमीशन राव’ करार दिया था और आरोप लगाया कि उन्होंने सिंचाई और अन्य परियोजना के लिए रिश्वत ली थी। राहुल गांधी और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने टीआरएस नेता को ‘छोटा मोदी’ करार दिया था। तेदेपा, कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है, टीआरएस ने अपने प्रचार के केंद्र में ‘तेलंगाना के आत्मसम्मान’ को मुद्दा बना दिया है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में गठबंधन सरकार का हिस्सा बनकर नायडू तेलंगाना को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। केसीआर ने आंध्र प्रदेश की राजधानी का संदर्भ देते हुए कहा, ‘क्या आप चाहते हैं कि आपके फैसले अमरावती द्वारा लिए जाएं?’ एक रैली में केसीआर ने कहा था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी की हार होती है तो वह कुछ भी नहीं हारेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने फार्म हाउस में आराम फरमाऊंगा।’ इस पर तेलंगाना जन समिति के नेता एम. कोडांदरम ने कहा, ‘वह तो वैसे भी सचिवालय नहीं आते और न ही लोगों से मिलते हैं। वह खुद के लिए बनवाए गए पॉश प्रगति भवन में आराम फरमाते रहते हैं। बेहतर यही होगा कि वह प्रगति भवन के बजाए अपने फार्म हाउस में आराम करें।’ तेलंगाना आंदोलन के दौरान एम. कोडांदरम केसीआर के दोस्त थे और अब वह पीपुल्स फ्रंट का हिस्सा हैं।