कर्नाटक में कांग्रेस के बागी विधायक एम टी बी नागराज को मनाने की कोशिशें असफल रहने के बाद वह रविवार को मुंबई चले गए जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के नेताओं ने शनिवार को नागराज से बातचीत की थी ताकि कर्नाटक में एच.डी. कुमारस्वामी नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए उन्हें मनाया जा सके।
हालांकि, शहर से रवाना होने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए होस्कोटे के विधायक नागराज ने कहा कि वह चिकबल्लापुर के विधायक के. सुधाकर से बातचीत के बाद अपना इस्तीफा वापस लेने पर अंतिम फैसला लेना चाहते हैं। नागराज और सुधाकर ने एक साथ 10 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को इस्तीफा दिया था। मीडिया से बातचीत के कुछ मिनट बाद नागराज के एक चार्टर्ड उड़ान में सवार होने की तस्वीरें कई स्थानीय समाचार चैनलों पर दिखाई गईं।
बाद में नागराज ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि उनके त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है और वह अपने फैसले पर अडिग हैं । नागराज ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायक एकजुट हैं। उन्होंने इससे इनकार किया कि विशेष विमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता आर अशोक उनके साथ थे। इससे भी मना किया कि उनके इस्तीफे के पीछे भगवा पार्टी का दबाव है ।
हालांकि, नागराज ने स्वीकार किया कि अगर सुधाकर मान गए तो वह अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे लेकिन यह कहा कि वह अपने त्यागपत्र पर अब अडिग हैं । इससे पहले दिन में, कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री एच के पाटिल ने कहा, ‘‘नागराज को जरूर सुधाकर के मुम्बई में होने की जानकारी मिली होगी और मुझे लगता है कि वह अन्य विधायकों को वापस लाने के लिए गए होंगे।’’
अन्य विधायकों को इस्तीफा लेने के लिए मनाने के वास्ते नागराज के मुंबई जाने संबंधी खबरों के बारे में कांग्रेस के बागी विधायक एस टी सोमशेखर ने कहा कि इस तरह के दावे बेबुनियाद हैं क्योंकि वह अब उनके साथ जुड़ चुके हैं । उन्होंने कहा कि 12 बागी विधायक मुंबई में हैं और सुधाकर दिल्ली में हैं और जल्द ही उनके साथ जुड़ेंगे ।
मुंबई के लिए रवाना होने से पहले नागराज ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सुधाकर ने अपना फोन बंद कर लिया है और पिछले दो दिन से उनसे कोई सम्पर्क नहीं हो पाया है। सुधाकर को समझा-बुझाकर, मैं उन्हें वापस लाने की कोशिश करूंगा। क्योंकि हम दोनों ने इस्तीफा दिया था इसलिए हम एक साथ रहना चाहते हैं। मैंने कांग्रेस नेताओं को इसकी जानकारी दे दी है।’’ कुमारस्वामी द्वारा विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने को लेकर अचानक घोषणा करने के एक दिन बाद गठबंधन के नेताओं ने नागराज के साथ एक के बाद एक बैठकें की। इन बैठकों में सिद्धरमैया, कुमारस्वामी और मंत्री डी के शिवकुमार भी थे।
नागराज कांग्रेस के उन पांच बागी कांग्रेस विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार पर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। सत्तारूढ़ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के एक) हैं।
दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने के भय के चलते कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी।