हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): ज्योतिषाचार्य डा. प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि आज शुक्रवार से पंचक लग गए हैं। इसके चलते गुरुवार को कांवड़ियों की ज्यादा भीड़ रही थी। अब बीस जुलाई को पंचक खत्म होने के बाद एक बार फिर कांवड़ियों की संख्या में इजाफा होगा। फिलहाल पंचक लगते ही कांवड़ियों का पहिया थम सा गया है, जोकि पंचक समाप्ति के बाद पुनः शुरू होगा।
गौरतलब है कि बीते दिन सावन का पावन महीना शुरू होते ही मां गंगा के जयकारों के साथ कांवड़ यात्रा का भी आगाज हो गया था। हरिद्वार जिला प्रशासन का दावा है कि पहले ही दिन करीब चार लाख कांवड़िये गंगा जल लेकर अपने गंतव्यों को रवाना हुए। दूसरी ओर, गंगा में बड़ी मात्रा में गाद आने के बाद उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने हरकी पैड़ी की तरफ आने वाले गंगा जल को रोक दिया।
इस कारण हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर गंगा जल का संकट पैदा हो गया और स्नान को पहुंचे श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ा। हालांकि, शाम को गाद घटने के बाद भीमगोड़ा बैराज का गेट खोल दिया गया। हरकी पैड़ी पर जिला प्रशासन के अधिकारियों और श्रीगंगा सभा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को गंगा आरती और गंगा मैया के जय उद्घोष के साथ कांवड़ मेले का शुभारंभ किया। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती ने बताया कि सावन माह के पहले दिन चार लाख कांवड़िये हरिद्वार पहुंचे।
घाटों पर गंगाजल की कमी से कांवड़िये मायूसपहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा में गाद की मात्रा 7960 पीपीएम तक पहुंच गई। इसके बाद उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने देर रात भीमगोड़ा बैराज से हरकी पैड़ी की ओर से खुलने वाले चैनल को बंद कर दिया। इस कारण गुरुवार को हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर गंगाजल इतना कम हो गया कि स्नान के लिए आए तमाम कांवड़िये डुबकी लगाने से वंचित रह गए। हालांकि बाद में सिल्ट की मात्रा कम होने पर शाम को गंगा जल की आपूर्ति सामान्य हो गई।
ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिनमें कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसलिए जब किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है और जिस लकड़ी का प्रयोग चिता बनाने में होता है उसको आप एक बार खरीदोगे तो आपको पांच बार खरीदनी पड़ेगी। शुक्रवार से शुरू हुए पंचक बुधवार को समाप्त होंगे। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती का कहना है कि पहले दिन चार लाख कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे।
कांवड़ मेले की शुरुआत के पहले दिन प्रशासन का दावा है कि चार लाख कांवड़ियों ने शाम तक गंगाजल भरा और अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। शुक्रवार से पंचक लग जाएंगे, जिस कारण माना जा रहा है कि 20 जुलाई के बाद कांवड़ियों का रैली हरिद्वार पहुंचेगा।
शास्त्रों के अनुसार पंचक लगने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यात्रा में पंचक लग जाने से कांवड़िये पांच दिनों तक कांवड़ कम उठाते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि पंचक के दौरान बांस से बने सामान की खरीदारी और उसका स्पर्श वर्जित होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पंचक के दौरान भी काफी कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं।