झारखंड में नशे के खिलाफ पुलिस का बड़ा अभियान जारी। पुलिस ने पिछले 50 दिनों में चार हजार एकड़ से भी ज्यादा इलाके में अफीम की फसल नष्ट की है। ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ के तहत दिसंबर महीने से चल रहे अभियान में खूंटी, रांची, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, गढ़वा, लातेहार, चतरा और पलामू जिलों में सबसे बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है। अभियान के दौरान अब तक 30 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है। सबसे ज्यादा खूंटी जिले में अब तक 1,641 एकड़ जमीन पर लगी अफीम की फसलों पर पुलिस ने ट्रैक्टर चलाया है, जबकि पुलिस की कार्रवाई के बाद खुद ग्रामीणों ने 237 एकड़ में लगी फसल नष्ट की है।
रांची में नशे खिलाफ एक्शन
रांची जिले में भी करीब 500 एकड़ में अफीम की फसल रौंदे जाने की सूचना है। सोमवार को रांची जिले की पुलिस ने तमाड़, बुंडू, राहे, नामकुम, अनगड़ा एवं दशम फॉल थाना क्षेत्र में एक साथ अभियान चलाया। इस दौरान बुंडू थाना क्षेत्र में 18 एकड़, तमाड़ थाना क्षेत्र में 20 एकड़, दशम फॉल थाना अंतर्गत 3 एकड़, अनगड़ा में 10 एकड़, राहे में 3 एकड़ और रांची शहर से सटे नामकुम थाना क्षेत्र में पांच एकड़ इलाके में लगी अफीम की खेती को ट्रैक्टर और ग्रास कटर मशीन की मदद से रौंद दिया गया। पश्चिमी सिंहभूम में 214, सरायकेला-खरसावां जिले में करीब 250 एकड़ जमीन में अफीम की खेती को नष्ट किया गया है। इसी तरह पलामू में करीब 200, गढ़वा में 250 और हजारीबाग में 150 एकड़ से ज्यादा इलाके में अफीम की फसल नष्ट किए जाने की सूचना है।
अफील की खेती को लेकर पुलिस का बयान
रांची प्रक्षेत्र के आईजी अखिलेश झा ने कहा है कि रैयती, वन भूमि या सरकारी भूमि पर अफीम की खेती करने वालों पर कार्रवाई होगी। अगर लोग स्वत: अफीम की खेती को नष्ट नहीं करेंगे, तो पुलिस इसे खत्म करेगी। साथ ही केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। उन्होंने लोगों से स्वत: अफीम की खेती को नष्ट करने की अपील की है। इस मामले में अधिकतम 20 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में पुलिस की ओर से अफीम की खेती के खिलाफ ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। सुदूर जंगली इलाकों में अफीम की खेती का पता लगाने के लिए पुलिस सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल कर रही है।