झारखंड में पेपर लीक और नकल पर सख्त सजा का बिल हुआ पारित - Punjab Kesari
Girl in a jacket

झारखंड में पेपर लीक और नकल पर सख्त सजा का बिल हुआ पारित

झारखंड में महत्वपूर्ण परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए नया कानून पारित किया गया। यह कानून उन लोगों

झारखंड में महत्वपूर्ण परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए नया कानून पारित किया गया। यह कानून उन लोगों को दंडित करेगा जो परीक्षा पत्र लीक करते हैं या उत्तरों की नकल करते हैं। सरकार के कुछ सदस्यों ने कानून में बदलाव करने की कोशिश की, लेकिन उनके विचारों को स्वीकार नहीं किया गया। झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल पर रोक लगाने के लिए सख्त सजा और जुर्माने के नए कानून का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड विधानसभा ने गुरुवार को इससे संबंधित बिल पारित कर दिया। भाजपा सहित अन्य पार्टियों के विधायकों द्वारा इसमें संशोधन के लिए लाए गए ज्यादातर प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और आजसू पार्टी के विधायकों ने बिल को काला कानून बताते हुए वेल में पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की और इसके बाद उन्होंने सदन का बायकॉट कर दिया।
अध्ययन के बाद लाया गया है
सीपीआई और कांग्रेस विधायकों के संशोधन के कुछ प्रस्ताव स्वीकार करने के साथ ही सदन ने इसे पास कर दिया। सदन से पारित बिल का नाम ‘झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधयेक-2023’ है। इस बिल पर चर्चा के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह कानून परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने और कदाचार पर रोक लगाने के लिए बेहद जरूरी है। यह बिल हड़बड़ी में नहीं, बल्कि अध्ययन के बाद लाया गया है। इसके जरिए हमारी सोच नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित रखने की है।
जिंदगी तबाह करने का हथियार साबित होगा
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह बिल राज्य के छात्रों-नौजवानों के हित में है। सरकार चाहती है कि भर्ती की परीक्षाएं पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आयोजित हों। सदन का बायकॉट करने वाले भाजपा और आजसू पार्टी के विधायकों ने कहा कि इस कानून का व्यापक तौर पर दुरुपयोग होगा। यह छात्रों और निर्दोष लोगों की जिंदगी तबाह करने का हथियार साबित होगा।
सरकार ने इसे नहीं माना
भाजपा विधायक अमित मंडल ने इसे अंग्रेजी हुकूमत के कानून ‘रॉलेट एक्ट’ की तरह बताया। अमर कुमार बाउरी ने कहा कि यह भ्रष्ट अफसरों के जुर्म का हथियार बनेगा। बिरंची नारायण और अनंत ओझा ने भी इसे काला कानून बताया। सीपीआई के विनोद सिंह और कांग्रेस के प्रदीप यादव ने बिल को पुनर्विचार के लिए प्रवर समिति को भेजने की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना।  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि युवाओं का भविष्य तबाह करने वाले इस कानून का पार्टी पुरजोर विरोध करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।