झारखण्ड की पहचान है जंगल : मरांडी - Punjab Kesari
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झारखण्ड की पहचान है जंगल : मरांडी

इसके बिना एक सुखद एवं खुशहाल जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए सबों को जागरूक

दुमका : झारखंड की समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ.लोईस मरांडी ने ‘जंगल’ को प्रदेश की पहचान बताते हुए इसे कायम रखने के लिए हर व्यक्ति से अपने जीवन में पौधा लगाने का आह्वान किया है। डॉ.मरांडी आज दुमका जिले के रानीबहाल पंचायत के मुड़जोड़ गांव में आयोजित नदी महोत्सव सह वृहत वृक्षा रोपन अभियान में का शुभारम्भ करते हुए वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जंगल झारखण्ड की पहचान है। इस पहचान बचाये रखने की आवश्यकता है।

जंगल, पेड़ और पौधे प्रकृति की बहुमूल्य धरोहर है। उन्होंने आमलोंगों से अपने जीवन काल में खुशी के मौके पर कम से कम एक-एक वृक्ष अवश्य लगाने की अपील करते हुए कहा कि पेड़ से अनेक लाभ हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं धरती को हरा-भरा रखने में पेड़ का महत्वपूर्ण योगदान है। डॉ. मरांडी ने कहा, ‘सिर्फ एक दिन वृक्ष लगाने से कुछ नहीं होगा, जिस गति से वृक्षों की कटाई हो रही है। भविष्य में निश्चित रूप से पर्यावरण हमारे सामने यह एक बड़ समस्या के रूप में होगी। शुद्ध हवा, पर्याप्त पानी एवं स्वच्छ वातावरण के लिए वृक्ष लगाना आवश्यक है।

वृक्ष ही धरती का श्रृंगार है और धरती की श्रृंगार को बचाने के लिए सरकार द्वारा वृहत वृक्षारोपण अभियान पूरे राज्य में चलाया जा रहा है। ‘ मंत्री ने कहा कि चिलचिलाती धूप में हर कोई पेड़ की छांव ढूंढता है, लेकिन कोई भी वृक्ष नहीं लगाना चाहता। वृक्ष जीवन का अभिन्न अंग है। इसके बिना एक सुखद एवं खुशहाल जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए सबों को जागरूक होकर पेड़ लगाने का प्रण लेने की जरूरत है।

सभी वृक्ष लगायेंगे और उसकी देखभाल करने के साथ आमलोगों को भी वृक्ष लगाने के प्रति जागरूक करेंगे। डॉ.मरांडी ने कहा कि आज समाज के सामने पर्यावरण से संबंधित कई समस्यायें है। आदिवासी समाज के लोग वृक्षों की पूजा करते है। उन्हें वृक्षों की महत्ता को बताने की जरूरत नहीं है। आदिवासी समाज को पता है कि वृक्ष उनके जीवन में अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वृक्ष के कम होने से जल स्तर भी नीचे जा रहा है जिससे पेय जल की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि पेड़ की कटाई होने से मिट्टी का भी क्षरण हो रहा हैं। इस दौरान श्री मरांडी फलदार औषधीय वृक्ष तथा अन्य वृक्ष  को लगाया।

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