हरिद्वार, संजय (पंजाब केसरी): हरिद्वार में महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में प्रातःकाल से ही विभिन्न प्रांतों से हरिद्वार आए लाखों श्रद्धालुओं सहित स्थानीय लोगों ने जलाभिषेक कर अपने परिवारजनों सहित शुभचिंतकों के लिए मंगल कामना की। वहीं, महाशिवरात्रि पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पुलिस महकमे ने कमर कस ली थी। कुंभनगरी के शिवालयों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर शिवालयों की तरफ जाने वाले मार्गों पर भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रही।
धर्मनगरी में महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। घंटों लाइन में लगने के बाद भी श्रद्धालुओं के जोश में कोई कमी देखने को नहीं मिली। मंदिरों के बाहर कतार में लगे श्रद्धालु जय भोले, बम-बम भोले के नारे लगाकर अपने जोश का इजहार करते दिखे।
महाशिवरात्रि के अवसर पर धर्मनगरी के शिवालयों में तड़के से ही जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो चुके थे। धर्मनगरी के सभी शिव मंदिरों में लंबी कतार श्रद्धालुओं की लग चुकी थी। कनखल स्थित दक्ष मंदिर में श्रद्धालुओं की लाइन काफी लंबी लगी हुई थी। सुबह 9 बजे दक्ष मंदिर में जलाभिषेक कर लौट रहे श्रवण नाथ नगर निवासी वेद प्रकाश, सतवीरी चौहान, रोहिनी चौहान, तनिशा, उत्कर्ष आदि ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ सुबह साढ़े सात बजे मंदिर पहुंच गए थे, लेकिन 9 बजे जाकर जलाभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। एक अन्य परिवार से रमेश अरोड़ा, विष्णु अरोड़ा, कृष्णा अरोड़ा का कहना था कि लाइन में लगने की थकान शिवलिंग पर जलाभिषेक कर दूर हो गयी। दरिद्र भंजन, दुख भंजन और बिल्वकेश्वर महादेव, निलेश्वर महादेव के अतिरिक्त अन्य कई शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जलाभिषेक का यह सिलसिला सुबह से शाम तक लगातार जारी रहा। फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार को जिले के छोटे बड़े शिवालयों की संख्या करीब 112 है। जहां महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं। हरिद्वार शहर में दक्ष मंदिर, नीलेश्वर महादेव, बिल्वकेश्वर महादेव, दरिद्र भंजन, तिलाभाण्डेश्वर महादेव, दुख भजन, सतीकुंड से लेकर कई शिवालय हैं। इनमें सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए थे। शिवालयों के अलावा हरकी पैड़ी पर स्नान करने से लेकर जल भरने के लिए भी शिवभक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। मेला क्षेत्र एवं शिवालयों की सुरक्षा व्यवस्था में कंपनी पीएसी, दरोगा, महिला दरोगा, सिपाही और होमगार्ड तैनात किए गए थे। डीएफएमडी, एचएफएमडी के साथ ही डॉग स्क्वायड की टीम मुस्तैद रही।