जगरगुंडा के शैक्षणिक संस्थाओं में 13 वर्षों बाद फिर लौटी रौनक - Punjab Kesari
Girl in a jacket

जगरगुंडा के शैक्षणिक संस्थाओं में 13 वर्षों बाद फिर लौटी रौनक

विकास को गति देने के लिए सड़कों से जोड़ा जा रहा है। इस क्षेत्र को जिला दंतेवाड़ा की

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के जगरगुंडा में 13 वर्ष बाद माध्यमिक और हाई स्कूल की कक्षाएं प्रारंभ हुई है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि सुकमा जिले के अतिसंवेदनशील जगरगुंडा क्षेत्र के स्कूलों में रौनक फिर से लौट आई है और नए शिक्षण सत्र के पहले दिन आज राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा की उपस्थिति में पांच शैक्षणिक संस्थाओं, छात्रावास का संचालन फिर से प्रारंभ किया गया। 
अधिकारियों ने बताया कि जगरगुंडा सलवा जूडूम अभियान से पहले तक व्यापारिक केन्द्र और हाईस्कूल तक शिक्षा केन्द्र रहा है। तत्कालीन समय में जगरगुंडा में बैंक का भी संचालन किया जाता था। लेकिन वर्ष 2005—2006 के सलवा जूडूम अभियान के दौरान आसपास के गांव सहित पूरा जगरगुंडा भी खाली हो गया और वहां राहत शिविर में आमजन निवास करने लगे। उन्होंने बताया कि जगरगुंडा के समीप सलवा जूडूम शुरू होने के बाद से लगभग 13 वर्षों से वहां माध्यमिक और हाई स्कूल का संचालन नहीं किया जा रहा था।
 इलाके के विद्यार्थी नजदीकी पोटाकेबिन में अध्ययन किया करते थे। नागरिकों के मांग को देखते हुए शासन और जिला प्रशासन के प्रयास से स्कूलों का संचालन फिर शुरू किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि उद्योग मंत्री लखमा ने आज जगरगुण्डा में हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल, बालक आश्रम शाला, बालक और कन्या छात्रावास का शुभारंभ किया। लखमा ने नए शिक्षण सत्र पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जगरगुंडा में 13 वर्षों के बाद फिर से स्कूलों का संचालन शुरू किया गया है। 
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार के तहत अब कक्षा नवमी से 12वीं कक्षा को दायरे में लाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को कक्षा पहली से 12वीं तक निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का लाभ मिलेगा। मंत्री ने कहा कि जगरगुण्डा क्षेत्र के बच्चे भी अब स्कूली शिक्षा पूराकर उच्च शिक्षा के लिए देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पा सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि जगरगुंडा सुकमा जिले का सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाका है।
 वर्ष 2005-2006 में नक्सल विरोधी अभियान सलवा जूडूम के दरमियान तत्कालीन दंतेवाड़ा जिले के जगरगुंडा सहित वर्तमान सुकमा जिले के कई स्कूलों और शासकीय भवनों को नक्सलियों ने नष्ट कर दिया था। भवनों को क्षतिग्रस्त करने का मुख्य कारण इन भवनों में सुरक्षा बलों की तैनात थी। 
उन्होंने बताया कि जगरगुंडा ऐसा क्षेत्र है जहां अब भी राहत शिविर का संचालन किया जा रहा है, जहां लगभग 1200 परिवार निवास करते हैं। शासन द्वारा इस क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए सड़कों से जोड़ा जा रहा है। इस क्षेत्र को जिला दंतेवाड़ा की ओर से और सुकमा के दोरनापाल से जोड़ा जा रहा है। 
छत्तीसगढ़ लगभग 13 वर्ष पहले राज्य में नक्सलियों के विरोध में आदिवासियों ने आंदोलन की शुरूवात की थी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के नेतृत्व वाले इस आंदोलन का नाम सलवा जडूम रखा गया था। बाद में वर्ष 2011 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद सलवा जुडूम को बंद कर दिया गया। वहीं 25 मई वर्ष 2013 को नक्सलियों ने झीरम घाटी हमले में कर्मा की हत्या कर दी थी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।