इन दिनों कोंग्रस पार्टी के पूर्व नेता हो या वर्त्तमान दोनों ही प्रकार के नेताओ ने अपने ही राजनीतिक दल पर खुलकर आरोप लगा रहे है। ऐसे में पार्टी के बड़े नेताओ को मीडिया और अपने कार्यकर्तो के सवालो का जवाब देने में काफी कठनाई होना लाजमी है।
पार्टी पर हमला काफी शर्मनाक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को पार्टी के पूर्व नेताओं – गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया- पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पर हमला करना दोनों के लिए शर्मनाक होना चाहिए क्योंकि पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया जब वे संगठन में थे।
नेताओ का इस्तेमाल कर रही भाजपा
सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर कांग्रेस पर हमला करने के लिए इन नेताओं का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। सिंधिया ने मार्च 2020 तथा आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले सिंधिया बाद में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बने जबकि आजाद ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी नाम से राजनीतिक दल बनाया है।
आजाद अब गुलाम हो गए
सिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान से सहमत हैं कि जब गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में थे, तो वह पूरी तरह आजाद थे, लेकिन अब पुरानी पार्टी को छोड़कर वह गुलाम बन गए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय जनता पार्टी इन नेताओं का इस्तेमाल कांग्रेस पर हमला करने के लिए कर रही है, सिंह ने कहा, कांग्रेस ने आज़ाद और सिंधिया को सब कुछ दिया। दोनों को कांग्रेस पर हमला करने के लिए ही कहा गया है। क्या यह दोनों के लिए शर्मनाक नहीं है।
भाजपा ने आजाद और सिंधिया से कहकर हमला करा रही
प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने कहा, ‘राज्य के भिंड इलाके में पहले डकैत सक्रिय थे, इनके गिरोह में कोई नया रंगरुट शामिल होना चाहता था तो गिरोह का सरगना किसी व्यक्ति विशेष को मारने के लिए कहता था, और जब वह कार्य पूरा करता था तभी वह उस गिरोह का हिस्सा बन सकता था।
उन्होंने कहा, भाजपा ने आजाद और सिंधिया से कांग्रेस पर हमला करने के लिए कहकर, ऐसा ही किया है।
अतीक, अशरफ को दोपहर में भी जाँच के लिए ला सकते
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उद्योगपति गौतम अडाणी समेत कई मुद्दों पर भाजपा की आलोचना करते रहे हैं और आजाद तथा सिंधिया दोनों ही विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते रहे हैं। गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पिछले हफ्ते प्रयागराज में हुयी हत्या के बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर वाजिब सवाल उठाए जा रहे हैं, जैसे उन्हें रात में चिकित्सा जांच के लिए ले जाने की क्या जरूरत थी क्योंकि यह दोपहर में भी हो सकता था।
कड़ी सुरक्षा के बाद भी जाँच क्यों नहीं
उन्होंने कहा, दूसरी बात, उन्हें ले जाने वाले वाहन को अस्पताल परिसर के अंदर ले जाना चाहिए था। सिंह ने आगे कहा, ‘‘युवा लड़कों ने फर्जी पहचान पत्र ले जाकर मीडियाकर्मी होने की आड़ में उन पर हमला किया। कड़ी सुरक्षा के बावजूद कोई जांच नहीं की गयी। उन्हें 5-7 लाख रुपये की तुर्की में निर्मित पिस्तौल कैसे मिली, जिसका इस्तेमाल सिद्धू मूसेवाला (पंजाबी गायक) की हत्या में भी किया गया था। ये सभी सवाल उठे हैं और इनका जवाब दिया जाना चाहिए।