क्या त्रिपुरा सरकार TMC नेताओं को रोकने के लिए कोविड-19 नियमों को ढाल बना रही हैं? - Punjab Kesari
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क्या त्रिपुरा सरकार TMC नेताओं को रोकने के लिए कोविड-19 नियमों को ढाल बना रही हैं?

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को त्रिपुरा में बिप्लब देब सरकार पर पूर्वोत्तर राज्य में

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को त्रिपुरा में बिप्लब देब सरकार पर पूर्वोत्तर राज्य में पार्टी के आधार का विस्तार करने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आरोप लगाया । इसके साथ ही पार्टी ने राज्य में आने वाले कुछ यात्रियों के लिये कोविड-19 जांच को आवश्यक किये जाने के आदेश को तृणमूल के अभियान को राज्य में रोकने की रणनीति बताया। 
उल्लेखनीय है कि बिप्लब देब सरकार ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर संज्ञान लेते हुए दिशा निर्देशों में संशोधन किया है।इसके मुताबिक ऐसे राज्यों से आने के इच्छुक व्यक्ति को कोविड-19 जांच करानी होगी जहां के एक भी जिले में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक है।  
संशोधित दिशानिर्देश में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम से आने वाले यात्रियों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट देखी जाए और रिपोर्ट 48 घंटे से पुरानी नहीं होनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने दावा किया कि भाजपा सरकार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की रविवार को होने वाली रैली से भयभीत हैं और उसे रोकने के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग कर रही है।
राज्य सरकार में मंत्री चटर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा अभिषेक से डरी हुई है। वह अभिषेक को त्रिपुरा के लोगों को संबोधित करने से रोकने के लिए कोरोना वायरस को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है। यह दिखाता है कि भाजपा जानती है कि त्रिपुरा के लोग अब भाजपा के साथ नहीं है।’’ गौरतलब है कि वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में अपना आधार बढ़ाना चाहती है।तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि गत दो महीने के दौरान त्रिपुरा में कई पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है।
घोष ने ट्वीट किया, ‘‘अगर त्रिपुरा की भाजपा सरकार और बिप्लब देब ने तृणमूल कांग्रेस को राज्य से बाहर रोकने की कोशिश की आधी मेहनत भी शासन पर कर लेती तो संभव था कि त्रिपुरा के लोगों के पास अबतक मूलभूत सुविधाएं होती। वर्ष 2023 में आरटी-पीसीआर जांच भले आए चाहे न आए, भाजपा निश्चित तौर पर राज्य से बाहर होगी।’’
तृणमूल के तंज पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस बंगाल की हिंसा की राजनीति का त्रिपुरा में आयात करना चाहती है।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘त्रिपुरा के लोग तृणमूल कांग्रेस को नहीं चाहते। यह तृणमूल कांग्रेस है जो त्रिपुरा के मामले में लगातार हस्तक्षेप कर रही है और बंगाल से हिंसा की राजनीति का आयात करने की कोशिश कर रही है। यह पार्टी त्रिपुरा के हालात को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।’’
तृणमूल के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने कहा कि भाजपा को अभिषेक बनर्जी जैसे लोगों को रोकने के लिए किसी कोविड-19 नियम की जरूरत नहीं है जो राज्य से बाहर कोई ‘महत्वपूर्ण नेता नहीं है।’’उन्होंने कहा, ‘‘महामारी की मौजूदा स्थिति में आरटी-पीसीआर जांच और कोविड निगेटिव रिपोर्ट मानक है जिसका पालन पूरे देश में प्रशासन द्वारा किया जा रहा है और तृणमूल केवल मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।

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