कुदरत का कहर अभी रुका है टाला नहीं हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार से आई तबाही का मंजर डराने वाला है। एक सरकारी आधिकारिक बयान के अनुसार प्रदेश में करीबन 4000 करोड़ तक का नुकसान हुआ। बचाव और राहत कार्य अभी भी जारी है। प्रदेश में जहा भी जाओ कुदरत के कहर से करहाने की आवाजे आती है। मंजर कुछ ऐसा की जो भी देखे उसे सब एक नज़र में समझ आ जाता। भारत मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ भारी बारिश होने की भविष्यवाणी के साथ चेतावनी जारी की है।
इन इलाको में भारी बारिश की आक्षंका
आईएमडी ने कहा, “चंबा, कांगड़ा जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।” आईएमडी ने यह भी कहा कि राज्य के बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों में विभिन्न स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।
इन क्षेत्रो में हो सकती है हल्की बारिश
बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। अगले 2 से 20 दिनों के दौरान शेष जिलों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। 3 घंटे, “आईएमडी ने कहा। इससे पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को राज्य के सात जिलों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और कुल्लू में भारी बारिश की
भविष्यवाणी की थी।
चार राज्यों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी
आज ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है और कुल्लू जिले में भारी बारिश होने की संभावना है। इससे पहले, हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी भारी बारिश और तबाही के मद्देनजर आईएमडी ने 16 से 17 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश के चार राज्यों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। 481 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, इसके अलावा 3,863 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में 133 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जबकि 1,008 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में भूस्खलन की 53 घटनाओं के अलावा अचानक बाढ़ की 41 घटनाएं देखी गई हैं