पानी नहीं बचाया गया तो जल विहीन कैपटाउन जैसे बन जाएंगे चेन्नई, बेंगलुरू : जलशक्ति मंत्री - Punjab Kesari
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पानी नहीं बचाया गया तो जल विहीन कैपटाउन जैसे बन जाएंगे चेन्नई, बेंगलुरू : जलशक्ति मंत्री

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औसतन भारत में प्रति वर्ष 1,068 मिमी बारिश और 4,00 करोड़ घन मीटर

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को आगाह किया कि अगर लोग पानी बचाने की अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तो भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा बुरी तरह प्रभावित होगा और ‘‘चेन्नई, बेंगलुरू केपटाउन बन जाएंगे।’’ दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन में वर्ष 2017-18 में जल संकट गहरा गया था। इस दौरान यहां पानी पूरी तरह खत्म हो गया। इसके बाद जीरो डे का विचार आया। ‘जीरो डे’ का अर्थ उस दिन से है जब शहर के सभी नलों से पानी की आपूर्ति बंद कर सभी को जल प्रबंधन को लेकर सचेत किया जाता है। 
तेजी से शहरीकरण, बढ़ती आबादी और खराब जल प्रबंधन के कारण बेंगलुरु में नलकूप सूखने, भूजल स्तर गिरने और झीलें जहरीली होने लगी हैं। बड़ी संख्या में लोगों के पास नल वाला पानी नहीं पहुंच रहा है और वे पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं। 
देश के एक और महानगर, चेन्नई में स्थिति बेहतर नहीं है। शेखावत ने कहा कि प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता आजादी के समय 5,000 घन मीटर से घटकर 1,540 घन मीटर रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर इसी तरह की गिरावट जारी रही और आबादी बढ़ती रही तो चेन्नई, बेंगलुरू , केपटाउन बन जाएगा और देश की आबादी का बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा।’’ 
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा कि भारत में लोग नदियों को पूजते हैं। इसके बावजूद जल संसाधन सबसे प्रदूषित है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औसतन भारत में प्रति वर्ष 1,068 मिमी बारिश और 4,00 करोड़ घन मीटर पानी वर्षा के माध्यम से प्राप्त होता है। फिर भी देश में जल संकट है। 
इजराइल में प्रति वर्ष 100 मिमी बारिश होती है। इतना पानी पर्याप्त है और वह संसाधन का निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि सभी संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद जल संरक्षण और पर्यावरण के प्रति भारत में जिम्मेदारी की भावना का अभाव है । 

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