पिछले एक महीने से कर्नाटक में जो राजनीतिक संकट चल रहा था उसमे अब एक स्थिरता आई है। विश्वास प्रस्ताव सफल ना होने की वजह से एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई और राज्य में कोई सरकार नहीं है। भले ही राजनितिक बवाल थम गया हो लेकिन सरकारी अफसरों के लिए नई मुश्किलें खड़ी होने वाली है,क्योंकि आने वाले 1 अगस्त को उन्हें सैलरी मिलने में भी मुश्किल हो सकती है।
अगर जल्द ही राज्य में कोई नई सरकार नहीं बनती है तो राज्य सरकार में कार्यरत कर्मचारियों को सैलरी लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इसका कारण ये है कि 1 अगस्त से राज्य सरकार के अतर्गंत कोई भी कार्य नहीं हो सकेगा।
लेकिन अभी राज्य में कोई सरकार नहीं है। ऐसे में अभी राज्यपाल का शासन भी लागू नहीं है और ना ही विधानसभा भंग हुई है ,इसलिए राज्यपाल वजुभाई वाला भी फंड रिलीज़ नहीं कर सकते हैं। वहीं राज्य कर्मचारी तो यही चाहेंगे कि जल्दी से कोई नई सरकार का गठन हो।
बता दे की अल्पमत में होने के कारण कांग्रेस-जेडीएस की एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई और अभी तक कोई नई सरकार नहीं बनी है। विधानसभा के अनुसार बीजेपी के पास अभी बहुमत है और उसके पास 105 का आंकड़ा है,लेकिन बीएस येदियुरप्पा की तरफ से राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए कोई दावा पेश नहीं किया गया है।
अभी सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार भारतीय जनता पार्टी कर रही है। विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने अभी बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता पर भी फैसला लेना है। सुप्रीम कोर्ट में भी उनके द्वारा इस्तीफे को लेकर याचिका दायर की गई है।