हिमाचल प्रदेश में पिछले कई से भारी तबाही का मंजर जारी है। बता दें वहां के हालात बेहद खराब हो चुके है। इसी बीच शिमला के समर हिल क्षेत्र में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिव बावड़ी मंदिर में लापता लोगों को निकालने का कार्य जारी है। हादसे के चौथे दिन गुरुवार की सुबह सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय लोगों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। 10 बजे के करीब घटनास्थल के नीचे नाले में एक और शव बरामद हुआ है। मृतक की पहचान प्रोफेसर पीएल शर्मा के रूप में हुई है।
74 घंटे से यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है
आपको बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए अंबाला से सेना का छोटा जेसीबी रोबोट को यहां पर मलबा हटाने के लिए लाया गया है। मौके पर जैसे ही कोई शव मिलता है, शिनाख्त के वक्त गुमशुदा लोगों के परिजनों की व्याकुलता बढ़ जाती है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अपनों की तलाश में लोग लापता लोगों की फोटो लेकर पहुंच रहे हैं। अभी भी मलबे में 8 से 10 और लोगों के लापता होने की आशंका है। बीते 74 घंटे से यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
शिमला पुलिस ने लोगों से की अपील
इस हादसे में अब तक मंदिर के पुजारी सहित 14 लोगों के शव बरामद किए गए। एक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। शिमला पुलिस ने लोगों से अपील की है कि हादसों के बाद जिनके स्वजन लापता हैं, वे पुलिस को इसकी सूचना दें, ताकि रेस्क्यू किया जा सके। हादसे के पहले दिन आठ, दूसरे दिन चार और तीसरे दिन एक शव बरामद हुआ था। इस दर्दनाक हादसे में एक परिवार के सात सदस्यों की मौत हुई है, इनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। परिवार की तीन पीढियां खत्म हो गईं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर और बालूगंज स्कूल के एक शिक्षक की भी मौत हुई है।
भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से सब कुछ हुआ बर्बाद
दरअसल, बीते 14 अगस्त की सुबह भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से शिव बावड़ी मंदिर ध्वस्त हो गया था। भूस्खलन इतना ख़ौफ़नाक था कि मंदिर का नामो निशान ही मिट गया। मंदिर में मौजूद दो दर्जन से अधिक लोगों को बच निकलने का समय तक नहीं मिला। भूस्खलन के बाद घटनास्थल पर तबाही का मंजर देखा गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था। इस भयानक हादसे ने दो मासूम बच्चियों सहित सात लोगों के एक परिवार को मौत की नींद सुला दिया।