देश के राज्य इस समय भारी तबाही की चपेट में है।इसी बीच हिमाचल प्रदेश में मानसून के प्रकोप के चलते जल प्रलय के हालात बने हुए हैं। सोमवार को बादल फटने से पूरे सूबे में तबाही का मंजर नजर आया।बता दें शिमला में शिवमंदिर भूस्खलन में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं और मलबे में दबे हुए हैं।
वहीं, पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण मंडी जिले में भारी तबाही हुई है। मंडी जिले में सोमवार को बदल फटने से 19 लोगों की जिंदगी छिन गई। जिले के बल्ह घाटी के कई गांव जलमग्न हो गए हैं और कुछ घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सोमवार देर शाम तक जिले भर में मानसून के कहर से 19 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
8 मील के पास संभल गांव में सुबह बादल फट गया
आपको बता दें मंडी में चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर 8 मील के पास संभल गांव में सुबह बादल फट गया, जिसमें 6 लोग बह गए। पीड़ितों में एक निर्माण कंपनी के तीन मजदूर और एक परिवार की एक महिला और दो बच्चे शामिल थे। पुलिस के मुताबिक, संभल में छह मजदूर एक शेड के नीचे सो रहे थे, तभी बादल फट गया। छह में से तीन मजदूर सुरक्षित स्थान पर भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे, जबकि बाकी लोग बह गए। अचानक आई बाढ़ ने पास के घर को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें छह लोग रह रहे थे।
भूस्खलन के कारण नारायण गांव में एक महिला की मौत
वहीं, धर्मपुर क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत तनिहार के पूर्व प्रधान प्रभास राणा की नल्याणा गांव में लोगों को रेस्क्यू करते समय मौत हो गई। वह अपने घर से दो परिवारों के सात लोगों की जान बचाने में सफल रहे लेकिन भूस्खलन की घटना के दौरान वह खुद घर के अंदर फंस गए। मंडी एएसपी सागर चंदर ने कहा कि भूस्खलन के कारण नारायण गांव में एक महिला की मौत हो गई।
जिला प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा
मंडी के मैगल और गुमा में भूस्खलन के कारण मंडी-पठानकोट राजमार्ग भी यातायात के लिए बंद है। पराशर की सड़क अवरुद्ध है, जहां बागी नाले में एक सड़क पुल बह गया है।मंडी जिले में 300 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि 1,500 से अधिक बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। सड़कें अवरुद्ध होने से जिले में दूध, सब्जियां, फल और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इसके अलावा जिले के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन के कारण कई घर ढहने की कगार पर हैं। मंडी के डीसी अरिंदम चौधरी ने कहा कि जिला प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है।