बूचड़खानों पर हाईकोर्ट सख्त - Punjab Kesari
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बूचड़खानों पर हाईकोर्ट सख्त

इसके बाद सरकार हरकत में आयी और सरकार ने 72 घंटे के अंदर प्रदेश में चल रहे सभी

नैनीताल : उत्तराखंड में बंद पड़े बूचड़खानों के मामले में उच्च न्यायालय की भौहें टेढी हो गयी हैं। न्यायालय ने मंगलवार को चार निकायों को सख्त हिदायत दी कि वे 15 जुलाई तक अत्याधुनिक मानकों के तहत बूचड़खानों का निर्माण करें और उन्हें शुरू करें। साथ ही सभी पक्षों को एक अगस्त तक प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा। दरअसल उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पिछले साल 20 सितम्बर को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सभी बूचड़खानों को अवैध घोषित कर दिया था।

अदालत ने सभी बूचड़खानों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के प्रावधानों के तहत बनाने के निर्देश दिये थे। इसके अलावा गलियों एवं खुले स्थानों में भी पशुओं की बलि पर भी रोक लगा दी थी। अदालत ने सरकार को निर्देश दिये थे कि प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे सरकारी एवं निजी बूचड़खानों को 72 घंटे के अंदर सील करे। इसके बाद सरकार हरकत में आयी और सरकार ने 72 घंटे के अंदर प्रदेश में चल रहे सभी बूचड़खानों को सील कर दिया था। तब से लेकर आज तक प्रदेश में बूचड़खाने बंद हैं।

इससे मांस की बिक्री पर असर पड़ा है। इसके बाद नैनीताल, रामनगर एवं अन्य कई शहरों के मांस विक्रेताओं ने मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि अदालत ने सभी निकायों को 2014 में आधुनिक मानकों के तहत बूचड़खानों के निर्माण के निर्देश दिये थे लेकिन आज तक आधुनिक सुविधाओं से युक्त बूचड़खानों का निर्माण नहीं हो पाया। मामले को सुनने के बाद अदालत ने नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी एवं मंगलौर निकायों को समयबद्ध तरीके से बूचड़खानों के निर्माण के निर्देश दिये थे। साथ ही इस मामले में शपथ पत्र पेश करने को कहा था।

इसी मामले में आज अदालत में मंगलौर निकाय की ओर से अधिशासी अधिकारी पेश हुए। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता सी.के शर्मा ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की युगलपीठ ने मामले में सख्त रूख अख्तियार करते हुए नैनीताल, रामनगर, मंगलौर नगर पालिका के अलावा हल्द्वानी नगर निगम को निर्देश दिये कि वे 15 जुलाई तक आधुनिक मानकों के तहत अपने अपने निकायों में बूचड़खानों का निर्माण करे और उन्हें चालू करे। इसके साथ ही सभी पक्षकारों को एक अगस्त तक इस मामले की प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है।

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