चारधाम यात्रा के दौरान पशुओं की मौत और अव्यवस्थाओं बहुत बढ़ गई है।जिसको हाईकोर्ट ने गंभीर लापरवाही माना है। बता दें कोर्ट ने डीएम चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी के साथ ही टूरिज्म बोर्ड व पशुकल्याण बोर्ड को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तिथि तय की है।
अगली सुनवाई को पांच सितंबर की तिथि नियत की है
आपको बता दें मामले की अगली सुनवाई को पांच सितंबर की तिथि नियत की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को अति गम्भीर मामला है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में दिल्ली निवासी अजय गौतम की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि चारधाम यात्रा में पूरी तरह से अव्यवस्थाएं फैली हैं। श्रद्धालुओं के लिए खाने पीने व रहने की सुविधाएं नही हैं।
अब सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई
दरअसल, अब सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है जबकि प्रत्येक दिन 25 हजार से अधिक श्रद्धालु इन धामों में पहुंच रहे हैं। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों के साथ क्रूरता की जा रही है। उनसे काम लेने के लिए उनको नशा तक दिया जा रहा है, अभी तक करीब चार सौ से अधिक घोड़े खच्चरों की मौत तक हो चुकी है। इन धामों में नशे का प्रचलन बढ़ रहा है। अव्यवस्थाओं व नशे के विरुद्ध आवाज उठाने वाले जागरूक नागरिकों के साथ स्थानीय कारोबारी मारपीट कर रहे हैं।
अमानवीय घटनाओं पर अंकुश लगाने की प्रार्थना की
बता दें याचिकाकर्ता के अनुसार जानवरों के शवों को नदियों में डाला जा रहा है, जिससे की नदी और पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। आये दिन यू-ट्यूबर चारधाम यात्रा की घटनाओं दिखा रहे हैं। याचिका में प्रार्थना की गई है कि चारधाम यात्रा में सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने एवं यात्रा के लिए ठोस गाइडलाइन बनाने, चारों धाम में नशे व अन्य अमानवीय घटनाओं पर अंकुश लगाने की प्रार्थना की है।