हरियाणा : आईटी विभाग ने की छापेमारी, 550 करोड़ रुपये की नकदी का पता चला - Punjab Kesari
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हरियाणा : आईटी विभाग ने की छापेमारी, 550 करोड़ रुपये की नकदी का पता चला

देश में काले धन पर छापे मारी करने वाली आयकर विभाग की टीम ने हरियाणा और पंजाब में

देश में काले धन पर छापे मारी करने वाली आयकर विभाग की टीम ने हरियाणा और पंजाब में छापा मारकर बड़ी मात्रा में करोड़ों रुपए का पता लगाया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि, विभाग ने हरियाणा और पंजाब के मोहाली में एक व्यवसाय समूह के परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया और इस दौरान लगभग 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी का पता चला। उन्होंने कहा, आईटी टीम ने उस समूह पर छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं। आयकर विभाग ने प्लाईवुड, एमडीएफ बोर्ड, इन्वर्टर और वाहनों की बैटरी के निर्माण तथा सीसा धातु के शोधन कार्य में लगे विविध व्यवसाय समूह के परिसरों पर तलाशी व जब्ती अभियान चलाया था। इस छापेमारी अभियान के दौरान हरियाणा के यमुनानगर, अंबाला, करनाल और पंजाब के मोहाली शहर में फैले 30 से अधिक परिसरों की तलाशी ली गई।
डिजिटल साक्ष्य भी हुए है बरामद
अधिकारी ने बताया कि, इस अभियान में जांच के दौरान प्लाईवुड व्यवसाय में लगी संस्थाओं से संबंधित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज तथा डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए हैं और इन्हें जब्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा,  इन सबूतों में अचल संपत्तियों में निवेश के लेनदेन के अलावा, खरीद, बिक्री, मजदूरी के भुगतान और समूह व संस्थाओं के अन्य खचरें के नकद लेनदेन की प्रविष्टियों को दर्ज करने वाले बही खाते का एक समानांतर लेखा किताब सेट भी शामिल है। इन साक्ष्यों से स्पष्ट रूप से समूह के अनुचित तौर-तरीकों का खुलासा हुआ है कि, यह वास्तविक विक्रय से लगभग 40 प्रतिशत की सीमा तक बिक्री को छिपा कर नकदी में ही कारोबार करने में संलिप्त है। आपत्तिजनक साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से यह पता चलता है कि इस समूह ने पिछले तीन वर्षों में 400 करोड़ रुपये की बिक्री को छिपाया है।
आगे भी जारी है जांच 
बैटरी निर्माण से जुड़ी कंपनी के मामले में जांच दल ने मजदूरी के भुगतान और कच्चे माल की खरीद के संबंध में कुल 110 करोड़ रुपये के नकद भुगतान के साक्ष्यों का पता लगाया है, जो बही खाते में दर्ज नहीं हुआ है। बैटरी निर्माण के साथ-साथ सीसा धातु शोधन कंपनियों और उससे संबंधित संस्थाओं के मामले में, अस्तित्वहीन कंपनियों से 40 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध खरीदारी की भी जानकारी प्राप्त की गई है। इन साक्ष्यों के विश्लेषण से यह भी पता चला है कि इस तरह से जमा की गई बेहिसाब नकदी को प्लाइवुड और सीसा शोधन व्यवसायों से संबंधित प्रमुख व्यक्तियों की अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में व्यवस्थित रूप से निवेश किया जाता है। तलाशी की कार्रवाई में 6.60 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और 2.10 करोड़ रुपये के जेवरात बरामद किए गए हैं। कुल मिलाकर 22 बैंक लॉकरों को कब्जे में ले लिया गया है और उनकी जांच की जानी अभी शेष है। आगे की जांच जारी है।

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