हरिद्वार, संजय (पंजाब केसरी): हरिद्वार में भिखारी एक प्रमुख समस्या है लेकिन पुलिस इनपर नियंत्रण में पूरी तरह विफल है। इनपर नियंत्रण के लिए दो साल पूर्व जारी शासन के आदेश भी फाईलों में बंद हैं।हरिद्वार में भिखारी एक प्रमुख समस्या बने हुए हैं। विशेषकर हरकी पैड़ी के आसपास इन्हें दिनभर मंडराते और यात्रियों से दान के लिए छीना-झपटी करते हुए देखा जा सकता है। खासकर हरकीपैड़ी से लगे सुभाषघाट, गऊघाट पर इन्हें दिनभर मंडराते हुए देखा जा सकता है। हालांकि भिक्षावृत्ति कानूनन निषेध है लेकिन हरिद्वार में पुलिस इनपर नियंत्रण में विफल है। कभी-कभार पुलिस कार्रवाई कर इनके चालान करती है लेकिन कार्रवाई महज सांकेतिक ही होती है। जिसका कोई परिणाम नहीं दिखाई देता। भिखारियों के घाटों पर बने रहने का एक ये भी कारण है कि रोशनाबाद स्थित बैगर्स हाऊस की क्षमता महज पचास है। जो हमेशा फुल रहता है। पुलिस यदि बैगर्स एक्ट में भिखारियों के चालान करती भी है तो वह सप्ताह भर की सजा काटकर फिर से घाटों पर लौट आते हैं।हरिद्वार में करीब दस हजार भिखारी हैं। इनमें ज्यादातर बाहरी और पेशेवर हैं। गंगापार, रोड़ी बेलवाला, चंडीघाट, पंतद्वीप में इनकी बस्तियां बसी हुई हैं। शहर में घाटों पर ये भिखारी भीड़ सहित कई तरह की समस्याएं उत्पन्न करते हैं। इनमें से अनेक तो ऐसे हैं जो दिनभर लंगर छकते हैं और दान में मिले पैसे से नशा और अन्य व्यसन करते हैं। घाटों पर इन्हें दिनभर नशे में झूमते और श्रद्धालुओं से जबरन दान की मांग करते हुए देखा जा सकता है। पैसे न देने पर यात्रियों को अपशब्द भी कहे जाते हैं। जिससे यात्रियों की धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं। भिखारियों पर नियंत्रण के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश चंद्र शर्मा की अपील पर अगस्त 2020 में राज्य सूचना आयोग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित किया था। जिसके बाद शासन की ओर से डीजीपी को हरिद्वार में अलग से भिक्षुक नियंत्रण सैल के गठन के आदेश दिए गए थे। लेकिन इनपर अबतक कोई क्रियान्वयन नहीं हुआ।
लंगर करते हैं भिखारियों को आकर्षित घाटों पर बने हुए लंगर घाटों पर भिखारियों के मंडराने का बड़ा कारण है।इन लंगरों में दिनभर खीर, पूड़ी, हलवा,जलेबी, भोजन बंटता है। साथ में दक्षिणा भी होती है। जिसके कारण भिखारी घाटों पर दिनभर जमें रहते हैं। दक्षिणा जेब में डालकर खाने को डस्टबिन में फेंक दिया जाता है। म्युनिसिपल बाईलाज के अनुसार घाटों पर लंगर और खाने-पीने का व्यवसाय प्रतिबंधित है, लेकिन इसका भी कहीं कोई पालन नहीं हो रहा। यह कहना सही नहीं है कि पुलिस कार्रवाई नहीं करती। समय समय पर अभियान चलाकर चालानी कार्रवाई की जाती है। भिखारियों को रखना एक बड़ी समस्या है। भिक्षुक सैल के गठन सहित नियंत्रण के सभी उपायों पर पुलिस काम कर रही है।
-स्वतंत्रकुमार सिंह एसपी सिटी हरिद्वार