केरल के बाद गुजरात से अंधविश्वास के चलते नरबलि का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। धन-संपत्ति के लोभ में माता-पिता ने अपनी ही 14 साल की नाबालिग बेटी को मौत के घाट उतार दिया। उन्हें विश्वास था कि वह तंत्र विद्या से अपनी बच्ची को पुनः जीवित कर देंगे, लेकिन जब बच्ची के प्राण नहीं लौटे तो उन्होंने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
अंधविश्वास का ये मामला सोमनाथ जिले के धारा गिर गांव का है। जानकारी के मुताबिक, माता-पिता ने धन के लोभ में अपनी 14 साल की बेटी की नवरात्रि में बलि दे दी। उन्हें उम्मीद थी कि तांत्रिक क्रिया के जरिए वह दोबारा उसे जीवित कर देगा। लेकिन बलि देने के बाद जब तंत्र-मंत्र से दोबारा बेटी की सांसें नहीं लौटी तो मृतक नाबालिग का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
खेत से खोपड़ी बरामद
दरअसल, स्थानीय व्यक्ति को जब माता-पिता पर शक हुआ तो उसने पुलिस को बच्ची की हत्या की सूचना दी। पुलिस को बताया कि भावेशभाई अकबरी नाम का शख्स जो सूरत में रहता था, छह महीने पहले अपने पैतृक गांव में रहने आया था। उसकी बेटी 9वीं क्लास में पढ़ती थी। आशंका है कि पिता ने नवरात्रि में अष्टमी के दिन उसकी बलि दे दी। खेत में खोपड़ी समेत कई संदिग्ध सामान मिले हैं।
बयान बदलता रहा आरोपी
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, गिर सोमनाथ जिले के पुलिस अधीक्षक मनोहरसिंह जडेजा ने बताया कि नाबालिग की रहस्यमयी मौत में माता-पिता संदिग्ध हैं। पुलिस ने बुधवार को भावेश अकबरी के खेत से उसकी अस्थियां एकत्र कीं। एक पुलिस सूत्र ने कहा, “पूछताछ के दौरान, पिता भावेश लगातार अपने बयान बदल रहा है। एक एफएसएल रिपोर्ट पुलिस को आगे की जांच में मार्गदर्शन कर सकती है।”
पुलिस के मुताबिक छह महीने पहले तक लड़की सूरत में पढ़ाई कर रही थी, जहां भावेश का कारोबार था। अज्ञात कारणों से माता-पिता ने उसे स्कूल में पढ़ाई बंद करा दी और पैतृक गांव लाकर खेत में काम पर लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि, “3 अक्टूबर की रात इस उम्मीद के साथ बच्चे की बलि दी गई कि इससे परिवार में खुशहाली आएगी। धारणा थी कि बच्ची का पुनर्जन्म होगा, इसलिए उन्होंने शव को चार दिन तक रखा।” लेकिन जब बच्ची पुनः जीवित नहीं हुई तो उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
केरल में अंधविश्वास के चलते दो महिलाओं की बलि
इससे पहले केरल से नरबलि का चौंका देने वाला मामला सामने आया था। पतनमतिट्टा ज़िले के तिरुवल्ला में धन और संपत्ति के लालच में अंधविश्वास के चलते दो महिलाओं की बलि दे दी गई थी। मामले में पति-पत्नी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपियों को 26 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।