Gujarat Polls: कांग्रेस उम्मीदवारों का धुआंधार प्रचार के बजाय स्थानीय संपर्क पर जोर, क्या बदलेगा समीकरण? - Punjab Kesari
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Gujarat Polls: कांग्रेस उम्मीदवारों का धुआंधार प्रचार के बजाय स्थानीय संपर्क पर जोर, क्या बदलेगा समीकरण?

गुजरात के धोराजी में अपने कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच बैठे कांग्रेस विधायक ललित वसोया

गुजरात के धोराजी में अपने कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच बैठे कांग्रेस विधायक ललित वसोया अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार की तुलना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जोरदार अभियान से बेफिक्र नजर आते हैं और उन्होंने विश्वास जताया कि वह एक बार फिर जीत हासिल करेंगे।कांग्रेस के अपेक्षाकृत हल्के प्रचार के बारे में सवालों को खारिज करते हुए वसोया कहते हैं कि स्टार प्रचारक समय की बर्बादी हैं और मुख्यधारा का मीडिया अक्सर भाजपा के पक्ष में ही दिखता है। 
सौराष्ट्र क्षेत्र में एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन करेगी  कांग्रेस
उन्होंने कहा कि इन सबके बजाय उन्होंने अपनी विधानसभा के करीब करीब सभी 80 गांवों और तीन नगर निकायों में जाकर लोगों से मिलने और अपने मतदाताओं तक पहुंच के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को तरजीह दी।उन्होंने कहा कि आठ दिसंबर को मतगणना का दिन आने दीजिए, कांग्रेस सौराष्ट्र क्षेत्र में एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन करेगी।इसी क्षेत्र की टंकारा विधानसभा सीट से भी पिछले चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। यहां पार्टी कार्यकर्ता कहते हैं कि उनके विधायक ललित कगथारा अपने काम और लोगों तक पहुंच की वजह से सबसे बड़े ‘स्टार’ हैं।कांग्रेस समर्थक अनिल बावलिया और सिकंदर ने कहा कि पिछले कुछ साल में खाद्य तेल की कीमत दोगुनी से ज्यादा हो गयी है और रसोई गैस का सिलेंडर 1,100 रुपये से ज्यादा मूल्य का है। उन्होंने कहा कि ये वास्तविक मुद्दे हैं जिनके लिए लोग कांग्रेस को वोट देंगे।
AAP की एंट्री से कांग्रेस को नुकसान 
हालांकि, आम आदमी पार्टी की उपस्थिति भी इस चुनाव में दर्ज की जा रही है। राज्य में मतदाताओं का एक तबका मानता है कि कांग्रेस गुजरात में भाजपा के सामने मजबूत चुनौती पेश नहीं कर सकी है और अरविंद केजरीवाल की पार्टी इस लिहाज से प्रभावशाली नजर आती है।टंकारा में भाजपा उम्मीदवार दुर्लभजी देथरिया, आप प्रत्याशी संजय भटसाना और कांग्रेस उम्मीदवार कगथारा, तीनों ही पाटीदार समुदाय से आते हैं। आप को मिलने वाले वोट चुनाव परिणामों को किस तरह प्रभावित करेंगे, इस बारे में तो अभी अनुमान ही लगाया जा सकता है लेकिन माना जा रहा है कि पूरे क्षेत्र में केजरीवाल की पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा से ज्यादा असर कांग्रेस के वोटों पर डाल सकती है।
भाजपा ने झोंकी ताकत 
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ पाटीदारों के आंदोलन का फायदा उठाते हुए क्षेत्र की 48 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। तब से ही भाजपा ने मजबूती के लिए काम किया है और कांग्रेस के कई स्थानीय दिग्गजों को अपने खेमे में शामिल करने का प्रयास किया है।हार्दिक पटेल समेत पाटीदार आंदोलन के कई प्रमुख चेहरे भाजपा से जुड़ गये हैं और पार्टी को उम्मीद है कि वह इस क्षेत्र में अपनी प्रतिद्वंद्वी को काफी पीछे छोड़ सकती है जहां पिछली बार उसके खराब प्रदर्शन ने चिंताएं बढ़ा दी थी।सौराष्ट्र क्षेत्र में गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में एक दिसंबर को मतदान होगा।

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