गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र पटेल ने मंगलवार शाम गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचकर एक उच्चस्तरीय बैठक में तटीय क्षेत्रों में बारिश, तूफानी हवाओं और वातावरण में आए बदलाव से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की।
मुख्य सचिव राज कुमार ने मुख्यमंत्री श्री पटेल को जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 14 और 15 जून को इन आठ जिलों में भारी वर्षा की संभावना है। कच्छ जिले में इस चक्रवात के व्यापक पैमाने पर असर की संभावना के चलते कच्छ में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए 40 हजार से अधिक फूड पैकेट, दो हजार किलो दूध पाउडर और 45 हजार टेट्रा पैक दूध तैयार किए गए हैं। सड़क एवं मकान विभाग ने 115 टीमें बनाकर इन जिलों में कार्यरत की हैं। 167 जेसीबी, 230 डम्पर सहित 924 मशीनरी और वाहनों के साथ सड़क एवं मकान विभाग तैयार है। कच्छ में विशेष एसई को ड्यूटी सौंपी गई है।
इतना ही नहीं ऊर्जा विभाग ने आठ संभावित प्रभावित जिलों में 597 सहित कुल 889 टीम स्टैंडबाय पर रखी हैं और इस बात की भी सावधानी रखी है कि इन आठ जिलों के 6950 फीडरों से होने वाली बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो। भारी वर्षा या चक्रवात से कच्चे मकान, झुग्गियों या ऐसे निचले इलाके, जहां पानी भर जाता है, वहां लोगों की सुरक्षा और जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव के लिए एनडीआरएफ की 15 तथा एसडीआरएफ की 12 टीमें भी तैनात की गई हैं। एहतियाती कदम के रूप में इन आठ तटीय जिलों में कुल 4050 होर्डिंगों को हटा दिया गया है।
सुरक्षा और सलामती के उपायों के भाग के रूप में अब तक कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, जामनगर, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट सहित कुल आठ जिलों में 37,794 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन आठ जिलों में 6229 अगरिया यानी नमक श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के संबंध में उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से आवश्यक दवाइयों तथा अन्य सामग्री के स्टॉक की व्यवस्था की गई है। इन जिलों में लगभग 521 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और अस्पतालों को स्वास्थ्य रक्षक दवाइयों, उपकरणों और जनरेटर से लैस किया गया है। बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में 157 (108) एंबुलेंस सेवाओं सहित कुल 239 एंबुलेंस भी उपलब्ध हैं। कच्छ में संभावित विकट स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा को बनाए रखने के लिए चार सीडीएचओ, 15 मेडिकल ऑफिसर-संयुक्त पशुपालन निदेशक को ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि भारी वर्षा या चक्रवात के चलते संचार प्रणाली के प्रभावित होने की स्थिति में उससे निपटने के लिए सैटेलाइट फोन, हेम रेडियो ऑपरेटर, जी-स्वान नेटवर्क की सेवाएं भी एहतियात के तौर पर तैयार रखी गई हैं। मोबाइल सर्विस ऑपरेटरों को भी एहतियातन अल्टरनेटिव यानी वैकल्पिक टावरों को चालू रखने के लिए कहा गया है। इस बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के। कैलाशनाथन सहित अन्य कई वरिष्ठ सचिव मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि श्री पटेल ने राज्य के तटीय क्षेत्रों में मंडरा रहे चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के संभावित संकट के चलते उत्पन्न हुए हालात की ताजा जानकारी और एक उच्चस्तरीय बैठक में तटीय क्षेत्रों में बारिश, तूफानी हवाओं तथा वातावरण में आए बदलाव से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियों की भी जानकारी प्राप्त की।