त्रिपुरा आदिवासी स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) ने राज्य सरकार से आदिवासी समुदाय चाकमा, त्रिपुरी, रिऐंग, मोग और मुरासिंह के प्रथा से जुड़े कानून को मान्यता देने के लिए राज्यपाल से अपील करने का अनुरोध किया।
एडीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) राधाचरण देववर्मा ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से उनके भारतीय दंड संहिता के तहत प्रथा कानून के बारे में विचार जानने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है लेकिन अभी तक इस बारे में राज्य सरकार का कोई निर्णय नहीं आया है।
मोग और मुरासिंह समुदाय के प्रथा कानून का मामला राज्यपाल के पास लंबित पड़ है। उन्होंने कहा,‘‘ हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि वह जल्द से जल्द राज्यपाल से प्रथा कानून को मान्यता देने का अनुरोध करें।’’ उन्होंने साथ कहा कि प्रथा कानून आदिवासियों के सामाजिक, संस्कृति और रिवाज की रक्षा करने के लिए जरूरी है।
श्री देववर्मा ने कहा कि आदिवासी समाज में प्रथागत कानूनों में नागरिक प्रकृति से मुद्दों को निपटाने के प्रावधान हैं और आदिवासी समाज इसे समान रूप से स्वीकार करता है। यहां के अन्य कानूनों की तरह ही इसका सम्मान करता है।