बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिये कानून की वकालत करते हुए गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सरकार को राम मंदिर के मामले में उसी तरह का ‘साहस’ दिखना चाहिए जो उसने तीन तलाक के मामले में विधेयक लाने में दिखाया है। शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में हम तीन तलाक पर विधेयक लाये हैं।
इससे पहले अनुसूचित जाति एवं जाति उत्पीड़न निवारण कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर कानून में संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में राम मंदिर के मामले में उसी तरह का ‘साहस’ दिखना चाहिए जो तीन तलाक के मामले में विधेयक लाने में दिखाया है।
मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-1918 पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना सदस्य ने कहा कि विकास की बात सारी सरकारें करती हैं, लेकिन बीजेपी नीत गठबंधन को जिन अलग कारणों से लोगों ने चुना, उसका हमें ध्यान रखना चाहिए। अरविंद सावंत ने कहा कि समान नागरिक संहिता, धारा 370 तथा राम मंदिर पर सरकार कदम उठाए, शिवसेना सरकार के साथ रहेगी।
अरविंद सावंत ने कहा, ‘‘ हमने वचन दिया था, आश्वासन दिया था कि जिस दिन सत्ता में आए, उसी दिन राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि राम मंदिर राजनीति का विषय नहीं है, यह देश के लोगों की भावनाओं से जुड़ा विषय है। सावंत ने कहा कि 70 वर्षो से राम मंदिर से जुड़़े विषय पर फैसला नहीं आना संविधान के खिलाफ बात है।
न्याय में देरी भी अन्याय है। हम न्याय नहीं कर पा रहे हैं, राम लला को तंबू में हैं। शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि आप समान नागरिक संहिता, धारा 370 हटाने और राम मंदिर के निर्माण पर आगे बढ़े… शिवसेना आपके साथ है।