पूरे देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसी बीच कांग्रेस ने मंगलवार को जीएमसीएच (Goa Medical College & Hospital) के पृथक वार्ड में भर्ती दो लोगों की मौत के मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की। जीएमसीएच राज्य का निर्दिष्ट कोविड-19 केंद्र है।
कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रमुख गिरीश चोडांकर ने कहा कि सोमवार को एक महिला समत दो लोगों की मौत अस्पताल के उस पृथक वार्ड में हुई जो कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के लिए बना है। चोडांकर ने कहा, “दोनों व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं थे।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को, इस साल एक मार्च से जिन लोगों की सांस संबंधी बीमारी के चलते मौत हुई है, उन सभी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक कर लोगों की शंका दूर करनी चाहिए। उन्हें हमें बताना होगा कि गोवा में कोविड-19 मौत संबंधी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है या नहीं।”
उन्होंने कहा, “हम लॉकडाउन के बाद से पृथक वार्ड में हुई रहस्यमयी मौत की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जीएमसीएच के अधिकारियों को यह बताना चाहिए की सांस संबंधी बीमारी की शिकायत के साथ आने वाले लोग अस्पताल में लाने के तुरंत बाद कैसे मर रहे हैं और साथ ही ऐसे मरीजों को दिए जा रहे इलाज के बारे में भी विस्तार से बताना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा, “मुख्यमंत्री को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि कोविड-19 जांच के लिए नाक या गले के नमूने और सांस की बीमारी के लिए जिम्मेदार अन्य रोगाणुओं की जांच के लिए अलग से ऐसे नमूने लिए गए या नहीं जो कि दुनिया भर में एक मानक प्रक्रिया मानी गई है।”
जीएमसीएच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने पृथक वार्ड में मरने वाले एक व्यक्ति के नमूनों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी। उन्होंने कहा, “जहां तक नये मामलों की बात है, नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया है।”