मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार की तस्वीरें देखकर देश सदमे में है. हर कोई गुस्से से भरा हुआ है. इस मामले में पुलिस ने अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस घटना पर पीएम मोदी ने कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम वीडियो देखकर परेशान हैं. 140 करोड़ नागरिकों को शर्मसार होना पड़ा है।
वायरल वीडियो मामले में चार मुख्य आरोपी गिरफ्तार
मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया,’वायरल वीडियो मामले में चार मुख्य आरोपी गिरफ्तार : थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पीएस के तहत अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के जघन्य अपराध के 3 और मुख्य आरोपियों को आज गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘राज्य पुलिस अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। छापेमारी जारी है।’
अपराधी मृत्युदंड के पात्र – मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, जिन्होंने पहले कहा था कि दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, ने घोषणा की कि अपराधियों को अधिकतम सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है और इस समय वह विवरण का खुलासा नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने मीडिया से कहा, “आज (गुरुवार) भाजपा विधायक दल की बैठक हुई और बैठक में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वायरल वीडियो में दिखाई गई घटना की निंदा की गई। यह महिलाओं और मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध है। हम आरोपियों को उच्चतम सजा और यदि संभव हो तो मृत्युदंड देने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”
,हम महिलाओं, माताओं, बहनों और बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।’
सिंह ने कहा कि बुधवार को वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद पुलिस ने दोषियों को पकड़ने के लिए जांच और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ने पहले कहा : “उन दो युवतियों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं, जिनके साथ बेहद अपमानजनक और अमानवीय कृत्य किया गया, जैसा कि कल सामने आए वीडियो में दिखाया गया है। वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की।
‘फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाए। बता दें कि हमारे समाज में इस तरह के जघन्य कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है।’
140 करोड़ देशवासी शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं – प्रधानमंत्री मोदी
मणिपुर की घटना पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है. कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने संसद परिसर में कहा कि आज जब मैं लोकतंत्र के इस मंदिर के सामने खड़ा हूं तो मेरा दिल दर्द और गुस्से से भर जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी ताकत और दृढ़ता से काम करेगा.’ मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरे देश का अपमान हुआ है और 140 करोड़ देशवासी शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।
अज्ञात सशस्त्र आरोपियों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास सिंह (32) को भी थौबल जिले से पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि अज्ञात सशस्त्र आरोपियों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था और अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाश भी शुरू की गई थी।
अधिकारी ने दिन बताया था, “राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हम आज शाम तक और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल होंगे। मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा आसपास के जिलों में भी तलाशी अभियान चलाया गया।”
अधिकारी ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में कई पुलिस टीमों का गठन किया गया था।
जानिए! कब की है ये घटना
ये घटना 4 मई की है। 1000 हथियारबंद हमलावरों ने कांगपोकपी जिले के बी फेनोम गांव पर हमला कर दिया। कुकी समुदाय के 2 पुरुष और 3 महिलाएं डर के कारण जंगल में छुपे हुए थे, उन्हें हमलावरों ने पकड़ लिया। नॉनपोक सेकमाई पुलिस ने उन्हें बचाया और सुरक्षित थाने ले जाने लगी, लेकिन भीड़ ने उन्हें पुलिस से छीन लिया। वहां 56 साल के एक शख्स की मौत हो गई। महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया। लड़की के साथ सरेआम सामूहिक बलात्कार किया गया। जब उसके 19 वर्षीय भाई ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश की तो उसे मार डाला गया। बाद में तीनों महिलाएं किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहीं।
बता दे कि 4 मई की घटना जातीय हिंसा भड़कने के ठीक एक दिन बाद हुई, जिसमें अब तक विभिन्न समुदायों के 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और 600 से अधिक घायल हो गए, जबकि 70,000 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और मणिपुर और मिज़ोरम सहित पड़ोसी पूर्वोत्तर राज्यों के राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।