हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई के बहुचर्चित गुड़यि गैंगरेप और कथित आरोपी सूरज की लॉकअप में मौत होने के मामले में आरोपी पूर्व पुलिस महानिरीक्षक जहूर जैदी को उच्चतम न्यायालय ने जमानत प्रदान करते हुये उन्हें ट्रायल कोर्ट की ओर से निर्धारित की जाने वाली शर्तों का पालन करने के निर्देश दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि उक्त मामले के एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इसी मामले को दबाने के कथित षड़यंत्र में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने जैदी को 29 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था। उनके अलावा सीबीआई ने शिमला के पूर्व पुलिस अधीक्षक डी। डब्ल्यू नेगी, ठियोग के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक मनोज जोशी, कोटखाई थाने के प्रभारी रजिंदर सिंह समेत नौ पुलिस कर्मियों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था। जैदी को छोड़ शेष सभी जेल में हैं।
चार जुलाई 2017 को कोटखाई की दसवीं की एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। छह जुलाई को कोटखाई के जंगल में उक्त छात्रा निर्वस्त्र शव बरामद हुआ था। बाद में इस मामले में छह आरोपियों राजेंद, सिंह उर्फ राजू, सुभाष बिष्ट, सूरज सिंह, लोकजन उर्फ छोटू और दीपक की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें से सूरज की बाद में कोटखाई थाने में 18 जुलाई 2017 को संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई थी।