फ्लोरोसेंट नैनोडॉट कैंसर का पता लगाने में हो सकते हैं सहायक - Punjab Kesari
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फ्लोरोसेंट नैनोडॉट कैंसर का पता लगाने में हो सकते हैं सहायक

हाइड्रोफिलिक (जल से निकटता) और हाइड्रोफोबिक (जल से दूरी), दोनों हिस्से होते हैं। नैनोडॉट पराबैंगनी तरंगदैर्घ्य पर प्रकाश

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मंडी के वैज्ञानिकों ने पाया है कि प्रकाश उत्सर्जित करने वाले कार्बन नैनोडॉट की सहायता से शरीर में कैंसर कोशिकाओं का पता लगाया जा सकता है। इससे इस जानलेवा बीमारी के आसानी से पता लगने का रास्ता खुल गया है। यह शोध ‘‘जर्नल ऑफ फिजिकल कैमेस्ट्री सी’’ में प्रकाशित हुआ है।

इसमें बताया गया है कि फ्लोरोसेंट नैनोडॉट यह बता सकता है कि जैविक कोशिकाओं में पानी किस तरह से वितरित होता है। आईआईटी मंडी की टीम ने दिखाया है कि जो सामान्य कोशिकाएं हैं उनकी तुलना में सामान्य कोशिकाओं में पानी का वितरण भिन्न ढंग से होता है। मानव शरीर अरबों खरबों कोशिकाओं से निर्मित होता है और इनमें से प्रत्येक का विशिष्ट कार्य होता है।

एक कोशिका कई चीजों से मिलकर बनी होती है और उसमें 80 प्रतिशत पानी होता है। इस टीम का नेतृत्व एसोसिएट प्रोफेसर चयन के नंदी ने किया। इस टीम ने एक फ्लोरोसेंट डॉट का संश्लेषण किया। यह डॉट मनुष्य के बाल की मोटाई से 80 हजार गुना छोटा हो सकता है। यह कार्बन से बना होता है और इसमें हाइड्रोफिलिक (जल से निकटता) और हाइड्रोफोबिक (जल से दूरी), दोनों हिस्से होते हैं। नैनोडॉट पराबैंगनी तरंगदैर्घ्य पर प्रकाश का उत्सर्जन कर सकता है।

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