शिंदे-उद्धव गुट के बीच चल रही तनातनी के बीच उद्धव ठाकरे से उनकी पार्टी का नाम और सींबल छिन चुका है। चुनाव आयोग का फैसला एकनाथ शिंदे के पक्ष में आया है। चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुनाते हुए अपने आदेश में कहा कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिह्न ‘तीर और कमान’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के पास रहेगा। हालांकि चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर अब महाराष्ट्र में सियासी खींचतान देखने को मिल रही है। बता दें कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास जाने के बाद अब पार्टी ऑफिसों के नियंत्रण को लेकर राज्य में नई लड़ाई हो सकती है।
चुनाव आयोग के फैसले से नाराज उद्धव ठाकरे
इसलिए अब उद्धव ठाकरे गुट इस फैसले से नाराज है। इस मामले को लेकर संजय राउत का कहना है कि हम अपनी शिवसेना लेकर रहेंगे चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
एकनाथ शिंदे शिवसेना भवन को कब्जे में नहीं लेंगे 
वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने शनिवार को कहा है कि वह दादर स्थित पार्टी मुख्यालय शिवसेना भवन को अपने कब्जे में नहीं लेगी। हालांकि, शिंदे गुट को मिली बड़ी जीत के बाद पार्टी कार्यालयों को लेकर दोनों गुटों के बीच नई लड़ाई देखने को मिल सकती है। वो इसलिए क्योंकी रत्नागिरी के दापोली में एक स्थानीय शाखा के नियंत्रण को लेकर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों गुट में कार्यालयों को लेकर तनानती हो सकती है।
उद्धव शिंदे गुट के बीच शाखाओं को लेकर बवाल
इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के पदाधिकारियों ने कहा है कि शाखा नेटवर्क अभी भी उनके साथ है और कहीं नहीं जाएगा। दूसरी ओर कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा कि शिंदे गुट चरणबद्ध तरीके से शाखाओं को अपने नियंत्रण में ले सकती है। आपको बता दें कि शिवसेना की मुंबई में 227 शाखाएं हैं और सीएम शिंदे के गढ़ ठाणे और मुंबई महानगर क्षेत्र में लगभग 500 शाखाएं हैं। लेकिन ज्यादातर शाखाएं प्रमुखों, स्थानीय नेताओं और ट्रस्टों के स्वामित्व में हैं। लगभग किसी भी शाखा का स्वामित्व शिवसेना पार्टी के पास नहीं है। अब देखने वाली बात होगी की शिवसेना की शाखाएं किसके हिस्से में जाएंगी ।