देहरादून : उत्तराखंड में वन संपदा लगातार आग की चपेट में आकर नष्ट हो रही है। कुमाऊं के अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत और नैनीताल जिले के सैकड़ों हेक्टेयर में फैले जंगल कई दिन से धधक रहे हैं। वहीं गढ़वाल के जंगल भी आग से बच नहीं पा रहे है। जंगल की बेकाबू हुई आग पर वन विभाग की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। शुक्रवार को कुमाऊं में आग लगने की 45 घटनाओं में 90 हेक्टेयर जंगल जल गए। पिथौरागढ़ के ओगला और नारायणनगर के चीड़ के जंगलों के साथ ही अस्कोट, चंपावत और टनकपुर के जंगल भी आग से धधक रहे हैं।
अस्कोट मल्लिकार्जुन मंदिर परिसर तक पहुंची आग पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन सैकड़ों पौधे नष्ट हो गए। हल्द्वानी वन प्रभाग के जौलासाल, रामगढ़ रेंज और सूर्या गांव में आग की बड़ी घटनाएं सामने आईं है। रामनगर वन प्रभाग के बाद अब तराई पश्चिमी वन प्रभाग आमपोखरा रेंज के जंगल में लगी आग गांव तक पहुंच गई। दमकल की तीन गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। ओखलकांडा के दुनीधूरा, छिनारी, कलियाधूरा और सुरखाल के जंगल भी आग से घिर गए।
कर्णप्रयाग पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मी बढ़ते ही जंगल धधकने शुरू हो गए हैं। बुजुर्ग यात्रियों ने बताया कि उनको धुएं में सांस लेने में तकलीफ हो रही है। श्रीनगर गढ़वाल में गुरुवार देर शाम श्रीनगर से लगी पहाड़ी में खोला के जंगल आग से धधक उठे। श्रीनगर घाटी के चारों ओर की पहाडिय़ों के जंगल में आग लगने से श्रीनगर क्षेत्र का वातावरण भी धुएं से भर गया। गुरुवार शाम को भी जीवीके हेलीपैड के समीप और सुमाड़ी रोड पर भी आग लगने की घटनाएं हुईं।
इन दोनों स्थानों पर दमकल कर्मियों ने आग बुझाई। कीर्तिनगर विकासखंड के डांगचौरा रेंज के जंगल भी आग से धधक रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले के बच्छणस्यूं, खांखरा, जखोली, भरदार, बष्टी सहित अन्य क्षेत्रों के जंगल बुरी तरह से आग की चपेट में आ गए हैं। कई हेक्टेयर में फैली इस आग से करोड़ों की वन संपदा और बेशकीमती जड़ी-बूटियां जलकर राख हो गई।