प्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा ने किया श्री शेषपुरीश्वर मंदिर में राहु-केतु का पूजन - Punjab Kesari
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प्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा ने किया श्री शेषपुरीश्वर मंदिर में राहु-केतु का पूजन

इलैयाराजा ने तिरुवरूर के मंदिर में राहु-केतु का पूजन किया

मशहूर संगीतकार इसाग्नानी इलैयाराजा ने सोमवार सुबह तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में स्थित थिरुपमपुरम श्री राहु-केतु सन्निधि मंदिर के दर्शन किए। यह मंदिर कुडावसाल तालुका में श्री शेषपुरीश्वर मंदिर परिसर में स्थित है और तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। इसे ‘दक्षिणी कालहस्ती’ के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में राहु और केतु की पूजा की जाती है और मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसाग्नानी इलैयाराजा सोमवार सुबह मंदिर पहुंचे और उन्होंने श्री शेषपुरीश्वर सन्निधि तथा श्री राहु-केतु सन्निधि के दर्शन किए। दर्शन के बाद उन्होंने अर्चना की और प्रार्थना में समय बिताया। मंदिर प्रशासन ने उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। इस दौरान उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इलैयाराजा के मंदिर आने की खबर से उनके प्रशंसकों में उत्साह देखा गया।

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थिरुपमपुरम मंदिर धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। खास तौर पर राहु और केतु ग्रहों से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए भक्त यहां आते हैं। मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है और खास अवसरों पर यह संख्या और बढ़ जाती है।

इसाग्नानी इलैयाराजा दक्षिण भारतीय संगीत जगत के दिग्गज हैं। उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में संगीत देकर लोगों का दिल जीता है। उनकी सादगी और आध्यात्मिक रुचि भी हमेशा चर्चा में रहती है। इस दौरे के दौरान उन्होंने मंदिर में शांति से समय बिताया और भक्तों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। मंदिर प्रशासन ने उनके इस दौरे को यादगार बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए थे। मंदिर दर्शन के बाद इलैयाराजा ने वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया और फिर अपने अगले कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए।

इलैयाराजा का संगीत देश में काफी पसंद किया जाता है। वे लंदन में 8 मार्च को पश्चिमी शास्त्रीय सिम्फनी ‘वैलिएंट’ के सफल प्रीमियर को लेकर चर्चा में थे। सफल प्रदर्शन के बाद चेन्नई लौटने पर संवाददाताओं से बात करते हुए, इलैयाराजा ने उन्हें मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए ऐलान किया कि उनकी सिम्फनी भारत सहित 13 और देशों में प्रदर्शित की जाएगी। उन्होंने लाइव संगीत के अनुभव को अभूतपूर्व बताते हुए प्रशंसकों से खास अपील भी की थी। गुहार लगाई कि सिम्फनी को डाउनलोड न करें क्योंकि इसके 80-वाद्य यंत्रों के ऑर्केस्ट्रेशन को व्यक्तिगत रूप से सबसे अच्छा महसूस किया जाता है।

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