खबर का असर : खबर छपी तो हरकत में पुलिस, मारे छापे - Punjab Kesari
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खबर का असर : खबर छपी तो हरकत में पुलिस, मारे छापे

प्रतिबंध के बावजूद शहरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में सत्तारूढ़ दल से जुड़े दो नेताओं द्वारा धड़ल्ले से

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी): प्रतिबंध के बावजूद शहरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में सत्तारूढ़ दल से जुड़े दो नेताओं द्वारा धड़ल्ले से बेची जा रही अवैध शराब जुड़ी खबर दैनिक पंजाब केसरी के 24 अगस्त के अंक में शीर्षक-हरिद्वार में चल रहा है अवैध शराब का गोरखधंधा खबर छपने के बाद नगर पुलिस कुंभकरण की नींद से जागी। इसी कड़ी में आज बुधवार को अवैध नशे की तस्करी व कारोबार एवं नशे के बढ़ते प्रचलन को रोकने हेतु हर की पौड़ी से लेकर शहर भर में प्रभावी चेकिंग अभियान चलाकर छापेमार की। 
कोतवाली नगर की नारकोटिक टास्क फोर्स टीम, बीडीएस, नारकोटिक्स सेल व एसओजी की संयुक्त टीम की कार्रवाई के दौरान एसपी सिटी, सीओ सिटी एवं सीओ ऑप्स निहारिका सेमवाल सहित नगर कोतवाल राकेंद्र कठैत मौजूद रहे।उल्लेखनीय है कि अवैध शराब की बिक्री भीमगोडा, भूपतवाला, हरकी पौड़ी, गऊघाट के पुल के नीचे बकायदा अड्डा बनाकर, कुशाघाट, सुभाष घाट आदि क्षेत्रों सहित कनखल, ब्रह्मपुरी, काशीपुरा, झलकारी बस्ती, इन्द्राबस्ती, बस अड्डे के पास, श्रवण नाथ नगर, ललतारौ पुल, मायादेवी प्रांगड़, रोड़ी बेलवाला, बिरला घाट, से लेकर कनखल, देवपुरा सरकारी कालोनी, ऋषिकुल, रानीपुर मोड़, खन्ना नगर, ज्वालापुर, टिबड़ी, शिवलोक कालोनी आदि इलाकों में धड़ल्ले से बेची जा रही है,‌ जिसकी जानकारी आला अफसरों से लेकर क्षेत्रीय पुलिस को होने के बावजूद भी इस ओर कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। धर्मनगरी हरिद्वार में नगर निगम सीमा क्षेत्र में मांस और शराब की बिक्री व इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह प्रतिबंध अंग्रेजों के जमाने में बने कानून के तहत 1916 से लागू है। अंग्रेजी सरकार ने हरिद्वार की धार्मिक महत्ता को स्वीकार करते हुए कानून का निर्माण किया था। 
आजादी के बाद भारत व उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सम्मान करते हुए न सिर्फ बरकरार रखा, बल्कि कड़ाई के साथ इसका पालन भी कराया। राज्य निर्माण के बाद से आबकारी विभाग की सुस्ती और लापरवाही के चलते मामला बिगड़ता जा रहा है। नतीजतन, हरकी पैड़ी से लेकर शहरी क्षेत्र के तमाम इलाकों में शराब की बिक्री जमकर की जा रही है। इससे धर्मनगरी की साख पर बट्टा लग रहा है पर, जिम्मेदार खामोश हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि प्रतिबंध के बावजूद ऐसा क्यों और किस तरह हो रहा है। आबकारी विभाग क्या कर रहा है, वह कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं करता सम्बन्धी खबर लोकप्रिय अखबार पंजाब केसरी में प्रकाशित की गयी थी, जिसका संज्ञान लेने के बाद आज प्रभावी कार्रवाई की गयी है। खबर का असरः पंजाब केसरी में छपी खबर का संज्ञान लेने के बाद छापेमारी कार्रवाई के दौरान अभियान चलाते हुए पुलिस अधिकारी। (छायाः संजय)

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