दिल्ली की एक अदालत ने अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े के नेता टी टी वी दिनाकरण की संलिप्तता वाले निर्वाचन आयोग रिश्वतखोरी मामले में आरोपी एक वरिष्ठ वकील को आज जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने चेन्नई के रहने वाले बी कुमार को जमानत देते हुए उन्हें 50,000 रुपये का निजी मुचलका एवं इतनी ही राशि की दो जमानत जमा करने का आदेश दिया।
अदालत में दिनाकरण भी मौजूद थे। वह पिछले महीने अपने खिलाफ जारी समनका पालना करते हुए पेश हुए थे। आयकर विभाग ने कथित बिचौलिये सुकेश चंद्रशेखर से पूछताछ के लिए भी आवेदन किया है। सुकेश फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 14 दिसंबर को मामले में टी टी वी दिनाकरण, चंद्रशेखर, मल्लिकार्जुन एवं छह अन्य के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था। मल्लिकार्जुन दिनाकरण के पुराने मित्र हैं।
पिछले साल जुलाई में पुलिस की ओर से दायर आरोप पत्र में बतौर आरोपी दिनाकरण के नाम का उल्लेख नहीं था। हालांकि अब उन पर आईपीसी की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) एवं 201 (सबूत मिटाने) के तहत अपराधों का आरोप है। इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (पीसी अधिनियम) के तहत लोक सेवक को प्रभावित करने के लिये भ्रष्ट या अवैध तरीके अपनाने का भी आरोप है।
आरोप है कि दिनाकरण ने वी के शशिकला के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक धड़े के लिए ”दोपत्तों” वाला चुनाव चिह्न हासिल करने के मकसद से निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी। उन्होंने 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और एक जून को उन्हें जमानत मिल गई थी।
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