मादक पदार्थ तस्कर दूसरी बार मौत की सजा से बचा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

मादक पदार्थ तस्कर दूसरी बार मौत की सजा से बचा

उल्लेखनीय है कि रहमान को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने 2002 में उसके सॉल्ट लेक आवास से साढ़े

कोलकाता : मादक पदार्थ तस्करी करने के आरोप में जेल में बंद एक व्यक्ति मंगलवार को दूसरी बार मौत की सजा से बच गया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उसकी मौत की सजा बदल दी जबकि इसी तरह की राहत 2012 में उसे एक अन्य मामले में मिली थी। मादक पदार्थ की तस्करी करने के आरोप में अनीसुर रहमान को 2002 में गिरफ्तार किया गया था। 
न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यामूर्ति सुवरा घोष की पीठ ने मंगलवार को उसकी मौत की सजा 30 साल के कारावास में बदल दी। हालांकि, इस फैसले के बाद भी रहमान को और 13 साल कैद में रहना होगा। उल्लेखनीय है कि रहमान को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने 2002 में उसके सॉल्ट लेक आवास से साढ़े तीन किलोग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था और तब से वह कैद में है। वह दो किलोग्राम प्रतिबंधित मादक पदार्थ रखने के एक अन्य मामले में भी दोषी है। 
रहमान के वकील इंद्रजीत ने बताया कि निचली अदालत ने रहमान को पहली बार 2006 में मौत की सजा सुनाई थी जिसे उच्च न्यायालय ने 15 साल के कठोर कारावास में बदल दिया। उन्होंने बताया कि दूसरे मामले में निचली अदालत ने 2014 में मौत की सजा सुनाई जिसे मंगलवार को उच्च न्यायालय ने 30 साल के कारावास में बदल दिया। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि मादक पदार्थ रोधी कानून में 2014 में किए बदलाव में मौत की सजा को वैकल्पिक बनाया गया है जिसके आधार पर राहत दी जाती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × one =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।