द्रमुक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी धनपाल को यह निर्देश देने की मांग की वह अन्नाद्रमुक के 11 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी उसकी लंबित याचिका पर “तत्काल” फैसला लें। इन विधायकों ने 2017 के विश्वास मत के दौरान मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ वोट डाला था।
इन 11 विधायकों में उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम भी शामिल हैं और द्रमुक की उन्हें अयोग्य ठहराने संबंधी याचिका विधानसभा अध्यक्ष के पास 20 मार्च 2017 से लंबित है।
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द्रमुक ने वकील अमित आनंद तिवारी के जरिये यह नयी याचिका दायर की जिसमें शीर्ष अदालत के पूर्व के आदेश का संदर्भ दिया गया जिसमें उसने याचिका को यह जानने के बाद निस्तारित कर दिया था कि विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्यता संबंधी याचिका पर कार्यवाही शुरू कर दी है।
याचिका में मांग की गई कि “अयोग्यता संबंधी याचिका” पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा फैसला नहीं लेने की “इरादतन कार्रवाई” को “मनमाना” और मूलभूत अधिकार व संवैधानिक मानकों के विपरीत करार दिया जाए। यह याचिका विधानसभा में द्रमुक के सचेतक आर सक्करपानी के द्वारा दायर की गई है। द्रमुक ने शीर्ष अदालत के एक अन्य आदेश का हवाला दिया जिसमें उसने मणिपुर में भाजपा विधायक टी एच श्यामकुमार को तत्काल हटाने का आदेश दिया था और विधानसभा में प्रवेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।