महाराष्ट्र में एनसीपी (NCP) में बगावत के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विधानसभा से बाहर किए जाने का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आया है। इस पर उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के नेता सुनील प्रभु ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। सुनील प्रभु ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों की अयोग्यता का मामला अभी भी स्पीकर के पास लंबित होने का हवाला दिया है।
दायर याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी स्पीकर ने एकनाथ शिंदे और उनके खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों की अयोग्यता पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की उठाई मांग
आपको बता दें, पिछले साल 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हो गई थी। इसके बाद शिवसेना (शिंदे गुट) ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट गया। उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग उठाई।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष करेंगे। शीर्ष अदालत ने स्पीकर से इस मामले में जल्द फैसला लेने को कहा था। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि पार्टी में फूट अयोग्यता की कार्रवाई से बचने का आधार नहीं हो सकती।