छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शव के अंतिम संस्कार को लेकर दोनों पक्षों में भारी विवाद हो गया। मुक्तिधाम में जलती चिता में पानी डालकर बुझाया गया और शव को बाहर निकाला गया। शव को श्मशान में जलाने को लेकर दोनों पक्षों में जमकर बवाल हुआ और मारपीट भी हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्साए परिजनों व समाज के लोगों ने शव को बाराद्वारा-जजैपुर मार्ग पर रख कर सड़क जाम कर दिया। सूचना पर एसडीएम, तहसीलदार समेत 6 थानों की पुलिस पहुंची। मृतक के परिजन कार्रवाई को लेकर अड़े रहे। पुलिस ने शिकायत पर 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सुरक्षा के लिए गांव में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बाराद्वार बस्ती निवासी प्रदीप पाटले (24 वर्ष) ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। परिजन शव का अंतिम संस्कार करने मुक्तिधाम पहुंचे। बारिश के कारण अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो गया था। गांव में तालाब के पास दूसरा श्मशान घाट है, जहां शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। मुक्तिधाम में शव चिता पर जल रहा था। इसी बीच गांव के कुछ लोग वहां पहुंच गए और मुक्तिधाम (श्मशान घाट) को अपने समाज का बताते हुए दाह संस्कार का विरोध करने लगे। इसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। गाली-गलौज और मारपीट भी होने लगी। विरोध करने वालों ने जलती चिता पर पानी डाला और शव को बाहर निकाल लिया। लकड़ी फेंककर शव को भी लात मारी। इससे परिवार और समाज के लोग आक्रोशित हैं।
गांव में पुलिस बल तैनात, आरोपी फरार
अंतिम संस्कार रोककर परिजन व उनके समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए। शव को सड़क पर रख कर उन्होंने बाराद्वारा-जजयपुर मार्ग को जाम कर दिया। विवाद की सूचना पर चांपा एसडीओपी बाराद्वार तहसीलदार सहित 6 थानों के टीआई व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। समाज के लोग आरोपी की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। मृतक के पिता भैयालाल पटले की शिकायत पर सरपंच जगदीश उरांव समेत गांव के 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। चंपा एसडीओपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि श्मशान घाट में चिता जलाने को लेकर विवाद हो गया है। परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना के बाद से आरोपी फरार हैं। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।