अक्सर लोगों का सपना होता है कि वो अमीर बने उनके पास बड़ी बड़ी गाड़ियाें हो बंग्ला हो और एशो आराम की जिंदगी हो। ये सब आपके पास हो तो आपका सपना पूरा हो जाएगा। लेकिन ये सब कुछ होते हुए भी आप त्याग ले लें तो ये आपके लिए मुमकिन नहीं होगा । लेकिन गुजरात में सूरत में हीरा कारोबारी की बेटी ने करोड़ो की संपती और एशो आराम की जिंदगी को ठुकराकर त्याग ले लिया।जी हां आपने बिल्कुल सही सुना।
आलीशान जिंदगी त्याग कर संन्यासी बनने का फैसला
दरअसल गुजरात में सूरत के एक हीरा कारोबारी की 8 साल की बेटी ने आलीशान जिंदगी त्याग कर संन्यासी बनने का फैसला लिया है। खेलने-कूदने की उम्र में ही डायमंड कारोबारी धनेश की उत्तराधिकारी बेटी जैन धर्म ग्रहण कर संन्यासिनी बन गई है । जिसके बाद से ही वो चर्चा का केंद्र बन गई है।बता दें इस बच्ची का नाम देवांशीं संघवी है, जो दो बहनों में बड़ी बहन है। मंगलवार को जैन धर्म के दीक्षा कार्यक्रम में देवांशी ने दीक्षा ग्रहण की।
सूत्रों के मुताबिक, हीरा कारोबारी की बेटी देवांशी संघवी ने 367 दीक्षा इवेंट्स में भाग लिया और इसके बाद वो संन्यास लेने के लिए तैयार हुई। वहीं इस बच्ची को लेकर फैमिली के दोस्त ने कहा कि उसने आज तक न कभी टीवी देखी और न कभी मूवी। इतना ही नहीं, वो कभी किसी रेस्टोरेंट भी नहीं गई है। अगर देवांशी संन्यास नहीं लेती तो वो करोड़ों की हीरा कंपनी की मालिकिन होती।
8 साल की देवांशी हिंदी, इंग्लिश समेत कई भाषाओं को बोलना जानती हैं। इतना ही नहीं, देवांशी संगीत में भी रुची रखती है और डांस और योगा में भी काफी टैलेंटेड रही हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देवांशी का बचपन से ही वैराग्य की तरफ झुकाव था। यही वजह है कि उसने कम उम्र से ही वह गुरुओं के साथ रहना शुरू कर दिया था। और अब वो हीरा कारोबारी पिता की बेटी होने के बाद त्याग कर चुकी हैं।