उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सांसद तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को विधायक न होने के कारण अपने पद से राज्यपाल से भेंटकर इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शनिवार को कांग्रेस के उत्तराखंड के प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा की लापरवाही और न समझी का परिणाम है कि आज मात्र 6 महीने के अतंराल के बाद बीजेपी को अपना दूसरा मुख्यमंत्री बदलने पर मज़बूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज से साढ़े 4 साल पहले उत्तराखंड एक खुशहाल प्रदेश था,उस समय यहां बेरोज़गारी का दर 1.5 प्रतिशत था लेकिन आज 11प्रतिशत है।
नए नेता का चयन करने के लिए शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है।शनिवार को अपराह्न तीन बजे बुलाई गई इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं प्रदेश अध्यक्ष कौशिक करेंगे जबकि केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा महासचिव व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि पार्टी की ओर से सभी विधायकों को शनिवार की बैठक में उपस्थित रहने की सूचना दे दी गयी है। उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें उसी दिन लगने लगी थीं जब रावत को केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था और सभी निर्धारित कार्यक्रमों को छोड़कर वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे।