'अर्थव्यवस्था' और 'रक्षा क्षमता' किसी भी राष्ट्र की ताकत के 2 प्रमुख स्तंभ : राजनाथ सिंह - Punjab Kesari
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‘अर्थव्यवस्था’ और ‘रक्षा क्षमता’ किसी भी राष्ट्र की ताकत के 2 प्रमुख स्तंभ : राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के गांधीनगर में ‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस’ सेमिनार (Invest For Defence Seminar) को संबोधित

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने गुजरात के गांधीनगर में ‘इन्वेस्ट फॉर डिफेंस’ सेमिनार (Invest For Defence Seminar) को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षमता किसी भी राष्ट्र की ताकत के 2 प्रमुख स्तंभ होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में विकसित स्टार्ट-अप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग की संस्कृति है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आप सभी इस बात से जरूर सहमत होंगे कि आज हम सब एक नए, सशक्त, समृध्द और सुरक्षित भारत के निर्माण की ओर एक साथ अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। आमतौर पर किसी राष्ट्र की ताकत के दो प्रमुख स्तंभ होते हैं। पहला, उस राष्ट्र की GDP क्या है, यानि उसकी अर्थव्यवस्था कितनी मज़बूत है। दूसरी, उस राष्ट्र की रक्षा क्षमता कितनी है, यानी वह राष्ट्र अपने आप को सुरक्षित रख पाने में कितना समर्थ है। 
स्टार्ट-अप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग की संस्कृति
उन्होंने कहा कि हमारी घरेलू उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने रक्षा क्षेत्र के पूंजी अधिग्रहण का एक निश्चित हिस्सा घरेलू खरीद के लिए संरक्षित कर दिया है। इस वर्ष यानि 2022-2023 के लिए यह 68%, यानि लगभग 85,000 करोड़ रूपए कर दिया गया है। देश में विकसित स्टार्ट-अप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग की संस्कृति है। यह निर्णायकऔर महत्वपूर्ण है। स्टार्ट-अप-आधारित इनोवेशन इकोसिस्टम की सफलता को यूनिकॉर्न की संख्या से देखा जा सकता है, जो 100 को पार कर चुके हैं।
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी डिफैंस इंडस्ट्री आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हमारी इंडस्ट्री ने फाइटर एयरक्राफ्ट्स, एयरक्राफ्ट कर्रिएर, मुख्य बैटल टैंक्स और अटैक हेलिकॉप्टर्स आदि का निर्माण करके अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से एक इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए मूल्यवान अनुभव प्राप्त किया है। यह अनुभव, भविष्य की पीढ़ी की रक्षा प्रणाली को समर्थन और विकसित करने में सहायक होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का एक चौथाई हिस्सा Industry led R&D को देने का फैसला किया हैI ऐसे कदम भी प्राइवेट प्लेयर्स को रक्षा क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। ‘Innovation for Defence Excellence’ यानी iDEX, और प्रौद्योगिकी विकास कोष भी ऐसे उदाहरण हैं, जो हमारी सेनाओं के लिए मौजूदा उत्पाद, प्रणाली और प्रक्रिया आदि में उन्नति और नए इनोवेशन के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करता है।
भारतीय रक्षा क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं
रक्षामंत्री ने कहा कि सरकार, वर्ष 2025 तक रक्षा उत्पादन को 12 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 22 अरब अमेरिकी डॉलर करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, कि इस तरह की वृद्धि के साथ उद्योग के लिए कितने अवसर उपलब्ध होंगे।  नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे भारतीय रक्षा क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। आज पूरा विश्व, भारत को आशा की निगाहों से देख रहा है। भारत आज दुनिया की जरूरतों को पूरा करने की ओर आगे बढ़ रहा है। निश्चित ही रक्षा क्षेत्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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