संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार मिलेट फसल की खेती को बढ़ावा दे रही है। खासकर सरकारी अधिकारी किसानों को कोदो कुटकी और रागी की खेती करने की सलाह दे रहे हैं। वहीं बात अगर गरियाबंद जिले की करें तो यहां पर पहली बार रबी सीजन में रागी फसल की खेती बड़े पैमाने पर की गई है। इससे किसानों को अधिक आमदनी होगी।
1300 से 1400 प्रति क्विंटल रहती है कीमत
खास बात यह है कि प्रदेश के किसान अब ग्रीष्मकालीन धान की जगह रागी लगा रहे है। उप संचालक कृषि संदीप भोई से मिली जानकारी अनुसार, ग्रीष्मकालीन धान में ज्यादा पानी, खाद व कीटनाशक की आवश्यकता होती है। वहीं, उस समय ही धान की कीमत 1300 से 1400 प्रति क्विंटल रहता है। जबकि, इसके विपरीत रागी फसल में कम पानी, खाद व कीटनाशक की जरूरत होती है़। यदि रागी फसल की खेती समय पर कर लिया जाए तो 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल सकती है। साथ ही रागी फसल का समर्थन मूल्य 3578 रुपए प्रति क्विंटल है।
कृषकों को मिलेगा अधिक लाभ
इसी तरह बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज निगम गरियाबंद में पंजीयन करवाकर रागी फसल के सभी उत्पाद को बीज निगम द्वारा उपार्जन किया जाएगा। जिससे कृषकों को लाभ प्राप्त हो सकता है। कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि विभाग कड़ी मेहनत कर रहीं है।राज्य स्तर पर भी रागी फसल को बढ़ाने के लिए कांकेर जिले में मिलेट प्लांट की स्थापना की गई है। मिलेट्स में पोषक तत्व उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। बता दें इसमें कैल्शियम, आयरन, एमीनो एसिड, प्रोटीन, फास्फोरस एवं अन्य विटामिन्स प्रचुर मात्रा में होते हैं।